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पिपली आज भी विकास से कोसों दूर

राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के कारण पिपली आज तक अपनी ख्याति के मुताबिक विकास नहीं कर पाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 08:42 AM (IST)
पिपली आज भी विकास से कोसों दूर
पिपली आज भी विकास से कोसों दूर

संवाद सहयोगी, पिपली

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राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के कारण पिपली आज तक अपनी ख्याति के मुताबिक विकास नहीं कर पाया है। पिपली में आज भी अनेकों ऐसी समस्याएं हैं जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी है। सबसे मुख्य समस्या सीवर का न होना और सफाई व्यवस्था के लिए पुख्ता प्रबंध न होना माना जा रहा है। सीवर के न होने के कारण पिपली के लोगों को रोजाना परेशानी के दौर से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा पिपली की अनेकों ऐसी गलियां हैं, जो लंबे अरसे से निर्माण की बाट जोह रही हैं। इन सब समस्याओं के पीछे पिपली पंचायत के पास आय का कोई साधन न होना है। इस वजह से पिपली पंचायत को जिला प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधियों पर आश्रित होने के लिए विवश होना पड़ता है।

भले ही पिपली को नगर परिषद के अधीन लाने की एक बार फिर दोबारा से कवायद शुरू हो गई है। प्रयास है कि पिपली को नगर परिषद के दायरे में लाकर यहां पर विकास कार्यो को रफ्तार दी जा सके। लाडवा के पूर्व विधायक डॉ. पवन सैनी भी पिपली को नगर परिषद के अंतर्गत लाने के खिलाफ नहीं थे, वे चाहते थे कि पिपली नगर परिषद के अधीन होने के बावजूद लाडवा विधानसभा का हिस्सा रहे। दूसरी ओर पिपली के लोग भी नगर परिषद के अधीन जाने से सहमत हैं। इसके पीछे लोगों की दलील है कि नगर परिषद के अंतर्गत आने से उन्हें काफी समस्याओं से पीछा छूट जाएगा और यहां का चहुंमुखी विकास होगा।

पिपली का इतिहास

पिपली को पंचायत के अधीन लाने से पूर्व यह नगर परिषद के अंतर्गत था। भारी भरकम टैक्सों से बचने के लिए वर्ष 2000 में इनेलो शासनकाल के दौरान पिपली को पंचायत का दर्जा दिलाने की मांग उठी थी। तत्कालीन परिवहन मंत्री अशोक अरोड़ा के प्रयासों से पिपली को पंचायत का दर्जा मिल गया। पिपली को पंचायत का दर्जा मिले तकरीबन 19 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन लोगों की समस्याएं पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं। सबसे मुख्य समस्या सीवरेज पानी की निकासी का समुचित प्रबंध और यहां का चहुंमुखी विकास न होने का है। लोगों की जुबानी

गंदगी के ढेर से फैल सकती हैं बीमारियां : सन्नी शर्मा

दुकानदार सन्नी शर्मा का कहना है कि पिपली में सफाई व्यवस्था सबसे बदहाल है। जगह-जगह गंदगी के ढेर हैं। सफाई कर्मचारी महीने में एक-आध बार ही सफाई करने के लिए आते हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि पिपली को उसकी महत्ता के अनुसार ही यहां पर विकास किया जाए। सीवर का न होना अहम समस्या : संजय

पिपली निवासी संजय रोहिला का कहना है कि सीवर का न होना पिपली के लिए सबसे अहम समस्या है। इसके चलते गंदा पानी गलियों में बहता है, जिससे आने-जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि सरकार को जल्द ही पिपली को नगर परिषद के अधीन लाना चाहिए। विशेष ग्रांट जारी कर समस्याओं को करें जल्द दूर : ओमप्रकाश

पिपली निवासी ओमप्रकाश भट्ट ने बताया कि पिपली पंचायत के पास आय का साधन न होना पिपली के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। सरकार को पिपली को नगर परिषद के अधीन जल्द लाया जाए या यहां पर विशेष ग्रांट जारी कर यहां की समस्याओं को त्वरित दूर करे। सफाई व्यवस्था के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट को चुस्त दुरुस्त कर लोगों को समस्याओं से निजात दिलाई जाए। पिपली का काफी हिस्सा अभी भी विकास से दूर : सोमप्रकाश

सोमप्रकाश गर्ग का कहना है कि पिपली को उसकी ऐतिहासिक महत्ता के अनुसार आज तक स्थान नहीं मिल पाया। पिपली का अभी भी काफी हिस्सा विकास से कोसों दूर है। प्रशासन को जल्द इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कि लोगों की हर समस्या को दूर किया जा सके। पंचायत ने प्रस्ताव पास कर भेज दिया है नप के पास : सरपंच पति

इस बारे में जब महिला सरपंच के पति गुरप्रीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पंचायत ने पिपली को नगर परिषद के अधीन लाने के लिए प्रस्ताव पास कर विधायक व मंत्री को दे दिया था। अगली कार्रवाई प्रशासन व नगर परिषद की ओर से की जानी है। उन्होंने बताया कि पंचायत के पास आय का साधन न होने के कारण यहां पर विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। अगर पिपली को नगर परिषद के अधीन लाया जाता है तो यहां का तेजी से विकास होगा।


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