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मौनी अमावस्या में स्वयं का ¨चतन कर शुभ कर्म करें : डॉ. सुरेश मिश्रा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कॉस्मिक एस्ट्रो पिपली के डायरेक्टर ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ डॉ. सुरेश मिश्रा ने श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली में भक्तों को बताया कि माघ मास के सर्व प्रमुख स्नान माघी अमावस्या यानि मौनी अमावस्या इस बार 4 फरवरी 2019 सोमवार को मनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 12:15 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 12:15 AM (IST)
मौनी अमावस्या में स्वयं का ¨चतन कर शुभ कर्म करें : डॉ. सुरेश मिश्रा
मौनी अमावस्या में स्वयं का ¨चतन कर शुभ कर्म करें : डॉ. सुरेश मिश्रा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कॉस्मिक एस्ट्रो पिपली के डायरेक्टर ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ डॉ. सुरेश मिश्रा ने श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली में भक्तों को बताया कि माघ मास के सर्व प्रमुख स्नान माघी अमावस्या यानि मौनी अमावस्या इस बार 4 फरवरी 2019 सोमवार को मनाई जाएगी। माघ की अमावस्या तिथि तीन फरवरी की रात 11.12 बजे लग रही है जो चार फरवरी को देर रात 1.13 बजे तक रहेगी। इस बार मौनी अमावस्या को सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग होगा, जो लगभग पांच दशक बाद बन रहा है। तिथि विशेष पर मौन रखकर प्रयागराज त्रिवेणी संगम में डुबकी, कुरुक्षेत्र सन्निहित तीर्थ में स्नान, हरिद्वार में गंगा स्नान

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व काशी में गंगा स्नान का विशेष महात्म्य है। वास्तव में सनातन धर्म में बारह मासों में तीन माह यानी माघ, कार्तिक व वैशाख पुण्य संचय हेतु महापुनीत माने गए हैं। इनमें भी माघ की विशेष महत्ता शास्त्रों में बताई गई है। इस मास अर्थात पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक श्रद्धालु प्रयागराज में हर वर्ष कल्पवास करते हैं।

रामचरित मानस में तुलसीदास लिखते हैं कि प्राचीन समय से ही माघ मास में सभी साधक तपस्यी ऋषि मुनि आदि तीर्थराज प्रयाग में आकर अपनी अपनी आध्यात्मिक साधनात्मक प्रक्रियाओं को पूर्ण कर वापस लौटते हैं। यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। प्रयाग में कुंभ महापर्व का सर्वप्रमुख स्नान मौनी अमावस्या दूसरा शाही स्नान भी होता है। हालांकि कुंभ का यह दूसरा प्रमुख स्नान बेहद खास होगा, क्योंकि इसी दिन सोमवती अमावस्या भी है। कुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर सोमवती का संयोग यदाकदा ही देखने को मिलता है। मौनी अमावस्या पर कुंभ स्नान के बाद दान का भी विशेष महत्व होता है। दान में भूमि, स्वर्ण, अश्व, गज दान के साथ ही आम जनमानस तिल से बनी सामग्री, उष्ण वस्तुएं, कंबल स्वेटर, साग सब्जी का दान करने से भी विशेष पुण्य लाभ होता है।


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