दिवाली की रात में एक करोड़ के पटाखे राख
जिले भर में दिवाली का त्योहार पारंपरिक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दिन भर बाजारों में चहल-पहल रही और रात को श्रीगणेश लक्ष्मी पूजन के बाद खूब आतिशबाजी हुई। एक ही रात में एक करोड़ रुपये के पटाखे जलाकर लोगों ने राख कर दिए। वहीं कुछ लोगों ने इस दिन को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के चेहरे पर खुशियां बांटकर मनाया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले भर में दिवाली का त्योहार पारंपरिक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दिन भर बाजारों में चहल-पहल रही और रात को श्रीगणेश लक्ष्मी पूजन के बाद खूब आतिशबाजी हुई। एक ही रात में एक करोड़ रुपये के पटाखे जलाकर लोगों ने राख कर दिए। वहीं कुछ लोगों ने इस दिन को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के चेहरे पर खुशियां बांटकर मनाया।
सुबह से ही लोगों ने फेसबुक, वाट्सएप और मोबाइल के माध्यम से एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देनी शुरू कर दी। घरों व प्रतिष्ठानों को फूल मालाओं से सजाया गया। युवतियों व महिलाओं ने घर के बाहर रंगोली बनाई। लोगों ने रिश्तेदारों व दोस्तों के घर मिठाई देकर उनकी खुशहाली की कामना की। दिन भर बाजार में खूब चहल-पहल रही। बहुत से लोगों ने आतिशबाजी करने का दृश्य फेसबुक पर आनलाइन चलाया। सुबह से शाम तक जमकर हुई पटाखों की खरीदारी
दिवाली की रात प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई और पर्यावरण को प्रदूषित किया गया। थीम पार्क में पटाखों की 26 दुकानों पर सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया। देर शाम तक आधी से ज्यादा दुकानों पर पटाखे खत्म हो गए, लेकिन खरीदारों की भीड़ कम नहीं हुई। वहीं, पटाखा गोदामों में भी पटाखे खरीदने वाले लोग देर रात तक पहुंचते रहे। जिले भर के लोगों ने एक ही रात में करीब एक करोड़ रुपये के पटाखे जलाकर राख कर दिए। कइयों के हाथ झुलसे
पटाखे जलाते हुए कई लोगों के हाथ झुलस गए। एलएनजेपी अस्पताल में तीन से चार मरीज हाथ झुलसने के पहुंचे। मामूली चोट होने के चलते उन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। कुछ तो निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए पहुंचे। नरेश, सार्थक और राज का पटाखे जलाते हुए हाथ झुलस गया। जरूरतमंद लोगों के साथ मनाई दिवाली
लोग जहां अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ दिवाली मना रहे थे वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोगों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों के साथ अपनी खुशियां बांटी। इंसानियत ग्रुप के सदस्य झोपड़-पट्टी वाली जगह पहुंचे और यहां बच्चों को खाने पीने के सामान के साथ पटाखे भी वितरित किए। खूब उड़ी धज्जियां
प्रशासन के दावों के बावजूद रात 12 से एक बजे तक लोग पटाखे चलाते रहे। जबकि प्रशासन ने इसके लिए टीम का गठन किया था, लेकिन आधी रात तक पटाखे जलाने वाले नियमों की धज्जियां उड़ाते रहे। टीमें कहीं नजर नहीं आई और न ही कोई कार्रवाई की।