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जिला उपायुक्त ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अधिकारियों की बैठक ली

डीसी डॉ.एसएस फुलिया ने कहा कि जिले में कन्या भ्रूण हत्या संलिप्त लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी टीमों सहित इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल लोगों पर पैनी निगाहें रखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 06:38 AM (IST)
जिला उपायुक्त ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अधिकारियों की बैठक ली
जिला उपायुक्त ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अधिकारियों की बैठक ली

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: डीसी डॉ.एसएस फुलिया ने कहा कि जिले में कन्या भ्रूण हत्या संलिप्त लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी टीमों सहित इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल लोगों पर पैनी निगाहें रखेंगे। डीसी लघु सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान को लेकर हुई जिला टास्क फोर्स की एक बैठक में बोल रहे थे। डीसी ने जिले की सभी सुपरवाइजरों से एक-एक करके हर गांव के लिगानुपात की स्थिति को आंकड़ों सहित जाना और गांव की वास्तविक स्थिति के बारे में भी फीडबैक हासिल की।

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उन्होंने कहा कि इस जिले में मई 2019 तक एक हजार लड़कों के पीछे 934 लड़कियों की संख्या है। अभी भी इस आंकड़े में और अधिक सुधार किया जाना है। यह तभी संभव हो पाएगा जब सभी मेहनत और ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी निर्वाह करेंगे। बैठक में सिविल सर्जन डॉ.सुखबीर सिंह ने बताया कि जिले में 64 अल्ट्रासाउंड केंद्र चल रहे है, इसी के तहत पीएनडीटी एक्ट अवहेलना करने पर 10 अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सील भी किया गया है। पीएनडीटी व एमटीपी एक्ट में पिछले दो सालों में 18 एफआइआर दर्ज की गई है। इस अवसर पर उप-सिविल सर्जन डॉ.एनपी सिंह, डॉ.अनुपमा, डॉ.आरके सहाय, डॉ.योगेंद्र, डॉ.संदीप अग्रवाल, डॉ.अनुपमा सैनी, डॉ.नीरज, जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री, पीओआइसीडीएस नीना कपूर मौजूद थे। जिला टीबी मुक्त बनाना है

बैठक में डीसी ने कहा की सभी अधिकारी मिलकर कोशिश करें और कुरुक्षेत्र को टीबी मुक्त जिला बनाए। जिस व्यक्ति को अगर टीबी हो और उसकी सूचना कोई व्यक्ति दे तो उसे 500 रुपये योजना के तहत दिए जाते हैं। यह 500 रुपये तभी दिए जाते है जब उसका डाइग्नोज हो। उन्होंने कहा कि बीएएमएस, आरएमपी, आशा वर्कर, केमिस्ट और प्राइवेट प्रोवाइडर अगर मरीज का इलाज पूरा करवाता है तो उसे भी 500 रुपये योजना के तहत दिए जाते हैं। डीसी ने बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान चल रहे समर कैंप का समापन सुबह 11 बजे से पहले हो जाना चाहिए।डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 20 जून को स्थानीय अनाज मंडी में प्रोटोकॉल रिहर्सल के तहत योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लें। इसमें कोई लापरवाही सहन नहीं होगी।


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