धर्मनगरी को सरकार में हिस्सेदारी की उम्मीद
विधानसभा चुनाव 2019 के चुनावों में आए परिणाम के बाद धर्मनगरी को सरकार में हिस्सेदारी की उम्मीद है। राजनीतिक विशेषज्ञ इस बात के कयास लगा रहे हैं कि जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं उनके अनुसार इस बार भी धर्मनगरी को सरकार में हिस्सेदारी मिल सकती है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : विधानसभा चुनाव 2019 के चुनावों में आए परिणाम के बाद धर्मनगरी को सरकार में हिस्सेदारी की उम्मीद है। राजनीतिक विशेषज्ञ इस बात के कयास लगा रहे हैं कि जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं उनके अनुसार इस बार भी धर्मनगरी को सरकार में हिस्सेदारी मिल सकती है। साल 2014 की विधानसभा में भी धर्मनगरी से शाहाबाद के विधायक को राज्यमंत्री का पद मिला हुआ था। इस बार धर्मनगरी की चार विधानसभाओं में से दो पर भाजपा ने जीत दर्ज करवाई है तो एक पर कांग्रेस और एक सीट पर जजपा के विधायक बने हैं। दूसरी ओर भाजपा सरकार के आठ बड़े मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उभरकर आ रहे समीकरणों में धर्मनगरी को हिस्सेदारी की संभावना तेज हो गई है।
थानेसर विधानसभा से विजयी हुए भाजपा के सुभाष सुधा लगातार दूसरी बार अपनी जीत का परचम लहराने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने दूसरी बार भी इनेलो के 15 साल तक प्रदेशाध्यक्ष रहे और इस बार कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे अशोक अरोड़ा को हराया है। इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा के इनेलो छोड़कर कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने के चलते यह सीट हॉट बनी हुई थी। इस सीट पर कांटे के मुकाबले में भाजपा के सुभाष सुधा ने अपनी जीत का परचम लहराया है और शाहाबाद के राज्यमंत्री रहे कृष्ण बेदी चुनाव हार गए हैं। ऐसे में लोग अब सुभाष सुधा को सरकार में कोई अह्म जिम्मेदारी मिलने की बात कह रहे हैं। दूसरी ओर पिहोवा सीट से भी इस बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ने भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज करवाई है। ऐसा माना जा रहा है कि धर्मनगरी के खाते में एक मंत्री पद आ सकता है। पिहोवा में पहली बार कमल खिला है। अंतरराष्ट्रीय पहचान के चलते संदीप सिंह को भी मौका दिया जा सकता है।