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जमा देने वाली ठंड में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति का पर्व जिले भर में धार्मिक एवं पारंपरिक ढंग से मनाया गया। जमा देने वाली ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर के पवित्र जल में श्रद्धा की डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अपने साम‌र्थ्य के अनुसार दान किया। गोशालाओं में श्रद्धालुओं ने गायों को गुड़ व हरा चारा खिलाया। मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी के भंडारे जगह-जगह आयोजित किए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:00 AM (IST)
जमा देने वाली ठंड में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
जमा देने वाली ठंड में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मकर संक्रांति का पर्व जिले भर में धार्मिक एवं पारंपरिक ढंग से मनाया गया। जमा देने वाली ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर के पवित्र जल में श्रद्धा की डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अपने साम‌र्थ्य के अनुसार दान किया। गोशालाओं में श्रद्धालुओं ने गायों को गुड़ व हरा चारा खिलाया। मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी के भंडारे जगह-जगह आयोजित किए गए।

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भगवान सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने का त्योहार मकर संक्रांति बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ठंड के बावजूद बुधवार को श्रद्धालु ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर स्नान करने के लिए पहुंचे। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के निमित्त तर्पण किया। धर्मनगरी के ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर और अस्पतालों में भंडारे आयोजित किए गए। श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवरों में स्नान के बाद भंडारा आयोजित कर लोगों को भोजन ग्रहण कराया। पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि मकर संक्रांति पर पवित्र तीर्थ में स्नान करने से कई सौ गुणा फल की प्राप्ति होती है। इस दिन खिचड़ी, रेवड़ी, मूंगफली व गर्म वस्त्रों का दान करने की परंपरा होती है। कैथल से आई सुनहरी, चंद्र प्रकाशो ने बताया कि यह हिदू धर्म में सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। ब्रह्मसरोवर में स्नान और दान के लिए आए हैं।


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