बाजरा घोटाले में अधिकारियों के साथ हुई थी डील
जिले में 1405 क्विंटल बाजरे के घोटाले में एक बड़ी बात सामने आई है। इस घोटाले में अधिकारियों व डिपोधारकों के बीच एक डील हुई थी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले में 1405 क्विंटल बाजरे के घोटाले में एक बड़ी बात सामने आई है। इस घोटाले में अधिकारियों व डिपोधारकों के बीच एक डील हुई थी। इसमें अधिकारियों ने अपना हिस्सा मिलने के बाद फरवरी महीने में बाजरा मशीनों से वापस उतार लेने का भरोसा दिया था। डिपोधारक इसी भरोसे में धोखे से बाजरा निकालते गए। अब बाजरे से जेब भरने वाले अधिकारी इसमें फंसते नजर आ रहे हैं। एक क्षेत्र के डिपोधारकों ने कई अधिकारियों के साथ सोमवार को गुप्त स्थान पर एक बैठक भी की है।
जिले में जनवरी महीने में आखिरी बार 10197 क्विंटल बाजरे की एलोकेशन आई थी। इसमें से 8792 क्विंटल बाजरे का उठान करा दिया था। 1405 क्विंटल बाजरा बाकी रह गया था। डिपोधारकों ने अधिकारियों के साथ मिलकर पात्रों से चोरी छिपे जुलाई महीने में बाजरा मशीनों से निकाल लिया। ऐसे पकड़ में आई चोरी अधिकारियों और डिपोधारकों ने बाजरा घोटाला करते समय पूरी डील की थी। इसी बीच डीएफएससी और निदेशालय के एक उच्च अधिकारी का तबादला हो गया। बाजरे की रिपोर्ट सामने आई तो इसका जिन्न बाहर निकल आया। एसीएस पीके दास ने इसकी जांच करने के आदेश दिए। प्राथमिक जांच में ही मामला पकड़ में आ गया। बताया जा रहा है कि बाजरे में अपनी जेब भरने वाले कई अधिकारी अब जांच में फंसते नजर आ रहे हैं।
डिपोधारक सामने आने को भी तैयार सप्लाई सस्पेंड होने के बाद कई डिपोधारक सामने आकर अधिकारियों की पोल खोलने तक को तैयार हैं। एक डिपोधारक ने बताया कि अधिकारी अपनी जेब भर लेते हैं और फिर डिपोधारक के खिलाफ कार्रवाई कर देते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। अकेले पिहोवा व इस्माईलाबाद क्षेत्र के डिपो पर अधिकारियों ने जांच के नाम पर कई डिपोधारकों से वसूली भी की है। वर्जन :
कुछ डिपोधारकों ने बाजरा मशीनों से निकाल लिया था। उनके स्टॉक और मशीनों में अंतर मिला है। ऐसे डिपो की सप्लाई सस्पेंड कर दी है। अधिकारियों की मिलीभगत की रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है। कोई अधिकारी इसमें संलिप्त मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कुशलपाल बुरा, नियंत्रक, डीएफएससी।