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समाज को सात सरोकार से जोड़ता दैनिक जागरण : मंजूला चौधरी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की निदेशिका मंजूला चौधरी ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 May 2017 03:00 AM (IST)
समाज को सात सरोकार से जोड़ता दैनिक जागरण : मंजूला चौधरी
समाज को सात सरोकार से जोड़ता दैनिक जागरण : मंजूला चौधरी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की निदेशिका मंजूला चौधरी ने कहा कि दैनिक जागरण अपनी निर्भय पत्रकारिता से समाज में चेतना डालने का काम तो कर ही रहा है साथ ही सात सरोकार के माध्यम से समाज को सामाजिक दायित्वों से भी जोड़ रहा है। जागरण के सात सरोकार में से जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आज जल का संकट बढ़ता जा रहा है। भू-जल का दोहन लगातार किया जा रहा है, लेकिन उसका सदुपयोग करने की बजाय बर्बादी की जा रही है। विद्यार्थियों से उम्मीद है कि इस कार्यशाला में जल बचाव के लिए वे कुछ सीखेंगे। उन जानकारियों को वे अपने परिवार के सदस्यों से सांझा करेंगे। वे शुक्रवार को जनहित जागरण विषय पर आयोजित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फैकल्टी लॉज में मुख्यातिथि के तौर पर बोल रहीं थीं।

कार्यक्रम में पहुंचने पर मीडिया एवं जनसंचार प्रौद्योगिकी संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर एसएस बूरा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि

दैनिक जागरण स्वस्थ समाज, जनसंख्या नियोजन, जल संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, सुशिक्षित समाज, गरीबी उन्मूलन व पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों को उठाकर लोगों में जागृति लाने का काम कर रहा है। जनहित जागरण विषय पर आधारित इस कार्यशाला में विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन होगा और विद्यार्थी यहां से सामाजिक सरोकारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर जाएं। कार्यशाला के माध्यम से छात्राएं नारी सशक्तिकरण को जान सकेंगी और सब मिलकर समाज को स्वस्थ बनाने पर भी विचार कर सकेंगे। इस तरह के आयोजन बेहद जरूरी हैं, क्योंकि हमें इस बात का पता होना चाहिए कि किसी भी समस्या से निपटने के लिए हम किस स्थान पर खड़े हैं। आज जल संकट पूरे विश्व में ¨चता का सबसे बड़ा कारण है। इसके महत्व वे लोग जानते हैं जो उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां जल की उपलब्धता बड़ी मुश्किल से है और जहां सुलभता से जल उपलब्ध है वहां व्यर्थ बहाया जा रहा है। समय रहते इसके महत्व को जान लें तभी अच्छा होगा, क्योंकि जल है तभी कल है। इसके लिए हमें समाज को जागरूक करना होगा।


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