सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हो वैश्विक स्वरूप : कुलपति
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि आज हरियाणा की पहचान विश्वभर में है तथा यहां की सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक स्वरूप का हिस्सा बनना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि आज हरियाणा की पहचान विश्वभर में है तथा यहां की सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक स्वरूप का हिस्सा बनना चाहिए। यहां के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश के अन्य राज्यों एवं देशों के कलाकार भी अपने कार्यक्रम दिखाएं। इससे विद्यार्थियों में सांस्कृतिक समरसता का संचार होगा तथा वे दूसरे को और अच्छे से समझ पाएंगे। एक बेहतर समाज के निर्माण में संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान है तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।
वार्षिक बैठक में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निर्देशक डॉ. तेजेंद्र शर्मा ने वर्ष भर आयोजित हुए कार्यक्रमों का विवरण देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कॉलेजों में टेलेंट हंट से शुरू होकर इस वर्ष टीमों ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने डांस में ट्राफी तथा नाटक में द्वितीय स्थान हासिल किया। एआइयू द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को दक्षिण एशियाई युवा महोत्सव के आयोजन का दायित्व दिया है। बैठक में वार्षिक बजट के साथ-साथ 18 मुद्दों पर चर्चा की गई। यह चुने एक्सपर्ट
कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने सांस्कृतिक परिषद में एक्सपर्ट के तौर पर चंडीगढ़ से प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. पवन आर्य, एमडीयू रोहतक से जनार्दन शर्मा, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से प्रो. डेजी वालिया, हरियाणा कला परिषद से संजय भसीन तथा दिल्ली से प्रो. सुरेश शर्मा को तौर पर चुना। वर्ष 2019-20 के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद् का चुनाव सर्वसम्मति से सम्पन्न हुआ जिसमें आइजीएन कॉलेज लाडवा के प्रिंसिपल डॉ. हरिप्रकाश शर्मा को अध्यक्ष, डीएवी कालेज फॉर गर्ल्स यमुनानगर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीता द्विवेदी को उप-प्रधान चुना गया। कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों में डॉ. लोकेश त्यागी, डॉ. प्रवीन वर्मा, डॉ. एसके गर्ग, डॉ.टीएन सैनी, डॉ. रामनिवास, डॉ. नीलू रानी तथा डॉ. प्रेम सिंह को चुना गया।