देहधारी गुरु की बजाय श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज से जुड़े संगत : ज्ञानी हरप्रीत सिंह
श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के सिंह साहिब जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा श्री गुरु नानक देव जी ने सिख कौम को गुरबाणी शब्द व संगत से जोड़ा है। इसलिए कौम को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और संगत से जुड़ना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के सिंह साहिब जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा श्री गुरु नानक देव जी ने सिख कौम को गुरबाणी शब्द व संगत से जोड़ा है। इसलिए कौम को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और संगत से जुड़ना चाहिए। जगह-जगह पर डेरे बना कर बैठे देहधारी गुरु संगत को गुरबाणी और सिखी से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
वे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की ओर से श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाश उत्सव को समर्पित प्रदेश स्तरीय गुरमत समागम में संगत से रूबरू हो रहे थे। सिंह साहिब ने कहा कि अतीत गवाह है कि अहमद शाह अब्दाली ने सिख कौम को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास किए, मगर थोड़ी संख्या में बचे सिखों ने भी एकजुट होकर उसको मुंहतोड़ जवाब दिया था। आज भी समय की मांग है कि सिख कौम को एकजुट होकर पंथ विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। इससे पहले समागम में पहुंचने पर सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह, तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड के उप जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी जोतइंद्र सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के सिंह साहिब जत्थेदार रजिद्र सिंह तथा श्री दरबार साहिब अमृतसर के ग्रंथी ज्ञानी मान सिंह का पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, राज्यसभा सदस्य बलविद्र सिंह भूंदड़, वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क, बाबा गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, एसजीपीसी सदस्य हरभजन सिंह मसाना, शिअद के प्रदेश प्रवक्ता कंवलजीत सिंह अजराना, शिअद की प्रदेशाध्यक्ष बीबी रविद्र कौर, तजिद्रपाल सिंह ने स्वागत किया। सच्चे मन से नाम सिमरन ही करता है जीवन का उद्धार : ज्ञानी मान सिंह
श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर के ग्रंथी ज्ञानी मान सिंह ने गुरबाणी शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि दिखावे से नहीं, अपितु सच्चे मन से भक्ति करके हम ईश्वर कृपा के पात्र बन सकते हैं। सच्चे सिद्धांतों को आत्मसात कर जीवन सफल बनाया जा सकता है। मनुष्य को सिर्फ परमात्मा के नाम का नशा करना चाहिए, जबकि दुनियावी मादक पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। श्री दरबार साहिब के हजूरी रागी जत्थों का शब्द कीर्तन श्रवण कर निहाल हुई संगत
समागम में बड़ी संख्या में पहुंची संगत का गुरु इतिहास और शब्द कीर्तन श्रवण कर निहाल हो गई। कार्यक्रम में जब श्री दरबार साहिब अमृतसर से हजूरी रागी भाई ओंकार सिंह, भाई दविद्र सिंह, भाई लखविद्र सिंह, भाई जगतार सिंह ने गुरबाणी उच्चारण किया, तो संगत आध्यात्म के बीच भक्ति में लीन हो गई। इस दौरान भाई जोगा सिंह भागोवालिया कविशर जत्था और बीबी राजवंत कौर ढाडी जत्था धर्म प्रचार कमेटी ने संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा।