आसमान में बादल देख बढ़ी आढ़तियों और किसानों की धड़कन
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र जिले भर की अनाज मंडियों में चार लाख मीट्रिक टन के लगभग गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले भर की अनाज मंडियों में चार लाख मीट्रिक टन के लगभग गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। खुले में पड़े गेहूं के ऊपर बुधवार की दोपहर बाद काले बादल देखकर आढ़तियों के साथ-साथ किसानों की भी धड़कनें बढ गई। छिटपुट बूंदाबांदी शुरू हुई तो मजदूर तिरपाल उठाकर गेहूं की बोरियों को ढकने दौड़ पड़े। हालांकि यह काले बादल बगैर बरसे ही निकल गए। ऐसे में आढ़तियों ने राहत की सांस ली है। दूसरी ओर कई दिनों से अटका पड़ा गेहूं खरीद का भुगतान भी
प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल को सरकारी खरीद शुरू कर दी गई थी, लेकिन पहले गेहूं की आवक ना होने और उसके बाद आढ़तियों की हड़ताल के चलते गेहूं खरीद 13 अप्रैल को शुरू हो पाई थी। गेहूं की खरीद शुरू होते ही अनाज मंडियों में उठान के लिए उचित व्यवस्था ना होने पर पांच दिनों में मंडी में गेहूं के ढेर लग गए थे। ऐसे में गेहूं बाहर सड़कों से लेकर ब्रह्मासरोवर की पार्किंग तक में पहुंच गई है। पार्किंग और सड़कों पर पड़ी गेहूं को संभालना मुश्किल हो रहा है। गेहूं को चोरी व अन्य नुकसान से बचाने के लिए किसान दिन-रात चौकीदारी कर रहे हैं। अब बुधवार को मौसम खराब होने पर किसानों के सामने समस्या बढ गई थी। आसमान में छाए काले बादलों से किसान घबरा गए थे। बादलों के टलने पर किसानों ने राहत की सांस ली है।
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भुगतान हुआ शुरू
पिछले कई दिनों से आढ़तियों को सरकारी एजेंसियों की ओर से खरीदी गई गेहूं का भुगतान नहीं हो पा रहा था। नई प्रणाली के तहत भुगतान के चलते इसमें कुछ अड़चनें आने पर आढ़ती परेशानी झेल रहे थे। बुधवार को दोपहर बाद यह सुचारू हो पाया है। जिला खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता नियंत्रण मामले अधिकारी नरेंद्र सहरावत ने बताया कि बुधवार को दोपहर बाद 13 और 14 अप्रैल को खरीदी गई गेहूं का भुगतान आढ़तियों के खाते में डाल दिया गया है। 15 से 17 अप्रैल तक के भुगतान का करोड़ों रुपया भी बैंकों में भेज रखा है। बृहस्पतिवार तक यह भी आढ़तियों के पास पहुंच जाएगा।