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शुगर फेडरेशन के चेयरमैन ने शाहाबाद में भाकियू के प्रदर्शन को बताया देश विरोधी

- आजादी के दिन प्रदर्शन करने वालों को बताया लोकतंत्र व आजादी के दुश्मन

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 07:30 AM (IST)
शुगर फेडरेशन के चेयरमैन ने शाहाबाद में भाकियू के प्रदर्शन को बताया देश विरोधी
शुगर फेडरेशन के चेयरमैन ने शाहाबाद में भाकियू के प्रदर्शन को बताया देश विरोधी

फोटो संख्या : 09 - आजादी के दिन प्रदर्शन करने वालों को बताया लोकतंत्र व आजादी के दुश्मन संवाद सहयोगी, शाहाबाद : हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन हरपाल सिंह चीका भारतीय किसान यूनियन के 15 अगस्त के प्रस्तावित प्रदर्शन को देश विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने वाले किसान नेता नहीं देश के दुश्मन हैं। जो अध्यादेशों के नाम पर किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने तीनों अध्यादेश किसान को बर्बाद करने वाले बताया है।

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हरपाल सिंह चीका ने कहा कि कुछ किसान नेता केवल मात्र अपना उल्लू सीधा करने और नाम चमकाने के लिए ऐसा काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अध्यादेशों से पूरे देश को एक नेशन, एक मंडी, एक रेट में बांधने का काम किया है और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसानों कि भलाई के लिए ये काम किए जा रहे है। किसानों की कुछ जत्थेबंदियां जान बूझकर माहौल को बिगाड़ रही हैं। उन्होंने इसका विरोध करने के लिए 15 अगस्त का दिन चुना है। आजाद के जश्न के दिन इस तरह के विरोध देश की एकता और अखंडता को बिगाड़ने वाले होते हैं। इस अवसर पर लखविद्र पाल ग्रेवाल, मुलख राज गुंबर, अरूण कंसल, कर्णराज सिंह मौजूद रहे।

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केवल बड़े पूंजीपतियों का नहीं, किसान और मजदूर का भी है देश

भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि देश केवल बड़े पूंजीपतियों का नहीं है, किसान और मजदूर का भी है। इनकी अनदेखी कर देश के शहीदों का अपमान कर रही है। उन्होंने शुगरफेड चेयरमैन की बात पर कहा कि देशभर में हरियाणा और पंजाब में मंडी सिस्टम मजबूत है। यहां व्यापारी मंडी के बाहर से फसल नहीं खरीद सकता था, जब सभी व्यापारी खरीद के लिए मंडी में आते हैं तो सबसे अधिक बोली देकर माल खरीदते हैं। इससे किसान को फायदा होता है। मंडी से बाहर खरीद की छूट देने और टेक्स न देने के नियम से मंडी व्यवस्था ठप्प हो जाएगी। किसान को मजबूरी में अपनी फसल औने-पौने दाम में व्यापारी को बेचनी पड़ेगी।


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