अवैध तौर पर रखा शराब का जखीरा बरामद
- ग्रामीण का कहना है कि पुलिस को फाय¨रग भी करनी पड़ी है, वहीं पुलिस ने फाय¨रग से इंक
- ग्रामीण का कहना है कि पुलिस को फाय¨रग भी करनी पड़ी है, वहीं पुलिस ने फाय¨रग से इंकार किया
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : गांव ठसका मीरां जी गांव में पुलिस ने अवैध तौर पर रखे शराब के जखीरे को बरामद किया है। इसके साथ ही पुलिस को कुछ नशीले पदार्थ भी हाथ लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को फाय¨रग तक करनी पड़ी। इसके बाद ही आरोपित काबू में आया।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गांव ठसका मीरां जी में अवैध तौर पर शराब की बिक्री करने वाले एक युवक ने शराब का जखीरा रखा हुआ है। यह जखीरा एक अप्रैल के बाद अगले साल में बिक्री किया जाना है। इस सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने सादी वर्दी में शाम को रेड की। पुलिस की दो गाड़ियां शराब की पेटियों से भर गई। इसके बाद गाड़ियों में शराब रखने की जगह तक नहीं रही।ऐसे में शराब को यहां वहां एडजेस्ट किया गया। अवैध तौर पर बिक्री करने वाला मौका देखकर भाग निकला। इस पर पुलिस ने हवाई फायर किया। पुलिस ने आरोपित को काबू कर लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस को कुछ नशीले पदार्थ भी हाथ लगे हैं। पुलिस ने देर शाम तक मामले का खुलासा नहीं किया। पुलिस शराब को कुरुक्षेत्र ले गई है। स्थानीय पुलिस को इस रेड का अता-पता नहीं है। गांव के लोगों ने बताया कि फाय¨रग की आवाज दूर तक सुनाई दी। गांव के सरपंच दिलबाग ¨सह गुराया ने बताया कि पुलिस द्वारा फायर किया गया था। उन्होंने बताया कि दो गाड़ियां शराब भरकर पुलिस ले गई है। इसमें अंग्रेजी, देशी व बीयर आदि ब्रांड शामिल हैं। वहीं ग्रामीणों का भी कहना है कि पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस मामले को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग का कहना है कि पुलिस ने गांव ठसका मीरां जी में कार्रवाई की है। पुलिस नियमानुसार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने फाय¨रग की पुष्टि नहीं की है।
31 मार्च के कारण हो रहा स्टॉक
इस साल के ठेकेदारों के शराब के ठेकों की समय सीमा पंद्रह दिन की रह गई है। ऐसे में क्षेत्र में सस्ती शराब बेचने का धंधा जमकर चल रहा है। इसी शराब को अवैध धंधा करने वाले स्टाक कर रहे हैं, ताकि अप्रैल माह में गेहूं के सीजन में चांदी कूट सकें। वहीं पुलिस भी ऐसे लोगों पर पैनी नजर रखे हुए है। गांव के कुछ लोग पहले ही सलाखों के पीछे
ठसका मीरां जी गांव की पंचायत शराब का पहले से ही विरोध करती आ रही है। ग्रामीणों की मांग पर गांव की सीमा में ठेके तक नहीं खोलने दिए गए हैं। इस गांव में नशीले पदार्थ का धंधा चरम पर रह चुका है। इन मामले में काफी लोग सलाखों के पीछे रह चुके हैं। कुछ अरसा पहले नशीले गोलियों के मामले में लोग धरे जा चुके हैं। गांव के नशा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे गांव के लोग भावी पीढ़ी को लेकर अधिक ¨चतित हैं।