Move to Jagran APP

सांध्यकालीन महाआरती से ब्रह्मसरोवर की फिजा फिर से हुई भक्तिमय

प्रथम नवरात्र पर सांध्यकालीन महाआरती से पवित्र ब्रह्मसरोवर की फिजा भक्तिमय हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 06:33 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 06:33 AM (IST)
सांध्यकालीन महाआरती से ब्रह्मसरोवर की फिजा फिर से हुई भक्तिमय
सांध्यकालीन महाआरती से ब्रह्मसरोवर की फिजा फिर से हुई भक्तिमय

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रथम नवरात्र पर सांध्यकालीन महाआरती से पवित्र ब्रह्मसरोवर की फिजा भक्तिमय हो गई। शंखों व वाद्य यंत्रों से निकली धुनों ने पूरे वातावरण को भक्तिरस में सराबोर करने का काम किया है। करीब सात महीने बाद शुरू सांध्यकालीन आरती श्रद्धा का केंद्र रही। शहरवासियों ने महाआरती ली और विश्व से कोरोना के खत्म होने की कामना की।

loksabha election banner

सांध्यकालीन महाआरती में मुख्यातिथि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के वाइस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच और विशिष्ट अतिथि श्री वैष्णो मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर ऋषिकेश के श्रीमहंत डा. रामेश्वर दास रहे। अध्यक्षता केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने की। कत्यानी माता मंदिर पाठशाला के वेदाचार्य बलराम गौतम ने महाआरती का संचालन किया। सायं छह बजते ही महाआरती की गूंज शुरू हो गई।यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला। शहर के दर्जनों लोग और पर्यटक महाआरती में शामिल हुए। विदित है कि लॉकडाउन से पहले 18 मार्च को ब्रह्मसरोवर को महाआरती हुई थी। इसके बाद सरकार की हिदायतों के चलते महाआरती बंद कर दी थी। धार्मिक स्थलों को धीरे-धीरे खोला

मुख्यातिथि धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि अनलॉक के तहत सरकार बहुत रियायत दे रही है। इसके तहत धीरे-धीरे धार्मिक व तीर्थ स्थलों को भी खोला जा रहा है और जारी हिदायतों की पालना के साथ श्रद्धालुओं को भी धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ की अनुमति दी गई है। इसी कड़ी में लगभग मार्च महीने से बंद ब्रह्मसरोवर के सांध्यकालीन महाआरती कार्यक्रम को फिर से शुरू किया गया है।

केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि एसओपी के अनुसार ब्रह्मसरोवर की धार्मिक मान्यता को देखते हुए नवरात्र के शुभ अवसर पर महाआरती को फिर से शुरू किया गया है। शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियमों की पालना की गई।

ब्रह्मसरोवर का है पौराणिक महत्व

मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ब्रह्मसरोवर का बहुत ही पौराणिक महत्व है। इस तीर्थ में सूर्यग्रहण व अन्य अवसरों पर स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं की श्रद्घा को ध्यान में रखा गया है। पर्यटक व श्रद्घालु प्रतिदिन ब्रह्मसरोवर के तट पर सांध्यकालीन महाआरती कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। यहां फिर से गीता के श्लाकों व मंत्रौच्चारण से वातावरण गुंजायमान होगा। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मबीर मिर्जापुर, अखिल भारतीय घोष प्रमुख रामचंद्र पांडेय व भारत मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.