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गेहूं की धुल से गंदा हो रहा ब्रह्मसरोवर का पानी, सूर्यग्रहण के मेले तक साफ करना बड़ा चुनौती

धर्मनगरी कोरोना से सेफ जोन में आ गई है। ऐसे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने 21 जून को सूर्य ग्रहण के अवसर पर मेले को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। मेले से आयोजन में इस बार सबसे बड़ी चुनौती ब्रह्मसरोवर को गंदा हो रहा पानी होगा। केडीबी के अधिकारियों का मानना है कि सरोवर की पार्किंग में प्रशासन ने बिना परमिशन गेहूुं के लिए खरीद केंद्र बना दिया है। अब गेहूं की धूल उड़कर सरोवर के तालाब में आ रही है। इससे पानी भी खराब हो रहा है। इधर प्रशासन खरीद केंद्र को लेकर कोई दूसरा रास्ता तलाश करने को तैयार नहीं है। ऐसे में सबकुछ सही चला तो मेले में आने वाले केडीबी के सामने श्रद्धालुओं े लिए सरोवर में पानी का प्रबंध करना बड़ी चुनौती होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 11:27 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 06:14 AM (IST)
गेहूं की धुल से गंदा हो रहा ब्रह्मसरोवर का पानी, सूर्यग्रहण के मेले तक साफ करना बड़ा चुनौती
गेहूं की धुल से गंदा हो रहा ब्रह्मसरोवर का पानी, सूर्यग्रहण के मेले तक साफ करना बड़ा चुनौती

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी कोरोना से सेफ जोन में आ गई है। ऐसे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने 21 जून को सूर्य ग्रहण के अवसर पर मेले को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। मेले से आयोजन में इस बार सबसे बड़ी चुनौती ब्रह्मसरोवर का गंदा हो रहा पानी होगा। केडीबी के अधिकारियों का मानना है कि सरोवर की पार्किंग में प्रशासन ने बिना परमिशन गेहूं के लिए खरीद केंद्र बना दिया है। अब गेहूं की धूल उड़कर सरोवर के तालाब में आ रही है। इससे पानी भी खराब हो रहा है। इधर प्रशासन खरीद केंद्र को लेकर कोई दूसरा रास्ता तलाश करने को तैयार नहीं है। ऐसे में सबकुछ सही चला तो केडीबी के सामने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं लिए सरोवर में पानी का प्रबंध करना बड़ी चुनौती होगी। इस बार सूर्य ग्रहण 21 जून को है। सामान्य दिनों में मेले को लेकर इस समय तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी धार्मिक स्थलों और यात्राओं पर रोक लगाई गई है। ब्रह्मसरोवर को भी पूरी तरह लॉक किया गया है। केडीबी के सामने यह चुनौती

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कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ब्रह्मसरोवर की देखरेख करता है और सूर्य ग्रहण पर मेले की व्यवस्था भी केडीबी की होती है। ब्रह्मसरोवर के दोनों बड़े तालों में लाखों लीटर पानी है। यह पानी धूल और मिट्टी आने से गंदा होने लगा है। इतने बड़े तालाब को सूखाने और फिर से साफ पानी का प्रबंध करना बड़ी चुनौती होगी। केडीबी को मोटा पैसा इस पर खर्च करना पड़ेगा। इसके साथ सरोवर के चारों तरफ पार्क और लाइटों में भी धूल भर गई है। इनको साफ करना भी चुनौती होगी। गेहूं खरीद केंद्र को लेकर मनमानी का आरोप

प्रशासन केडीबी की पार्किंग में खरीद केंद्र बनाता था, लेकिन गत वर्ष खरीद केंद्र नहीं बनाया गया। नियमानुसार केडीबी से इसकी परमिशन लेनी होती है, लेकिन इस बार प्रशासन ने केडीबी को अनदेखा कर खरीद केंद्र शुरू करा दिया। अधिकारियों के बार-बार कहने के बाद भी आढ़ती नहीं हटे तो केडीबी के अधिकारियों ने सोमवार को गेहूं नहीं उतरने दिया था। प्रशासन ने किसानों की समस्या रखकर कुछ दिन के लिए खरीद केंद्र चालू रखने की बात रखी थी। इसके बाद गेहूं उतारने का काम शुरू कर दिया था।

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इस साल जून में होंगे दो ग्रहण

इस साल जून के महीने में दो ग्रहण लगने वाले हैं। पहला चंद्र ग्रहण लगेगा और इसके बाद सूर्य ग्रहण होगा। वहीं जुलाई में फिर चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिषों के अनुसार पांच जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण देश समेत यूरोप, अफ्रीक, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। वहीं 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण देश सहित दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण पर अधिकतर ज्योतिषियों की नजरें हैं। बताया जा रहा है कि यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। 21 जून को लगने वाले ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा। इस साल पड़ने वाले ग्रहण बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण से मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। उस समय छह ग्रह वक्री होंगे। कहा जा रहा है कि ग्रहण के कारण ग्रहों की ऐसी स्थिति कुछ चिताजनक हो सकती है।

-गगनदीप सिंह, सीईओ, केडीबी

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