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संत सम्मेलन के लिए ब्रह्मसरोवर ही उपयुक्त स्थान

फोटो-29 -अगली बार से फिर पुरुषोत्तमपुरा बाग में होगा संत सम्मेलन -ज्ञानानंद महाराज को मंच

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 10:01 PM (IST)
संत सम्मेलन के लिए ब्रह्मसरोवर ही उपयुक्त स्थान
संत सम्मेलन के लिए ब्रह्मसरोवर ही उपयुक्त स्थान

फोटो-29

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-अगली बार से फिर पुरुषोत्तमपुरा बाग में होगा संत सम्मेलन

-ज्ञानानंद महाराज को मंच से करनी पड़ी घोषणा

-ब्रह्मसरोवर के बाहर बने पंडाल को भरने में आयोजकों को छूट रहा पसीना

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर की आभा ही अलग है। गीता जयंती पर आयोजित होने वाला संत सम्मेलन वहीं पर होना चाहिए। जूना अखाड़ा हरिद्वार के पीठाधी‌र्श्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज ने जब यह बात संत सम्मेलन के मंच पर रखी तो गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज को मंच से घोषणा करनी पड़ी कि अगली बार सम्मेलन फिर से ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित किया जाएगा।

यहां बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम व संत सम्मेलन आयोजन की परंपरा ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग रही है। यह पहली बार था जब मुख्य कार्यक्रम को ब्रह्मसरोवर से बाहर ले जाया गया तथा दो करोड़ की लागत से सदाचार मैदान में भव्य पंडाल बनाया गया है। मुख्य कार्यक्रम को बहार ले जाने पर तर्क दिया गया था कि बड़े कलाकार, मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्रियों के आने पर भीड़ को संभालना चुनौती बन जाती है। भले ही आयोजक यह तर्क देकर पंडाल को बाहर ले गए लेकिन आज उस भव्य पंडाल को भरना चुनौती बन गया है। यहां तक कार्यक्रमों के समय पंडाल को भरने के लिए सरकारी अध्यापकों व अन्य विभागों के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। इसके बाद भी पंडाल खाली रह रहे हैं। पंडाल में आठ हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। सोमवार को भी संत सम्मेलन के दौरान बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई। पुरुषोत्तपुरा बाग में आयोजन होने पर ब्रह्मासरोवर पर आने वाले पर्यटक मुख्य कार्यक्रम में भी शामिल होते थे। इस बार मुख्य पंडाल बाहर होने से पर्यटक वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

सम्मेलन में जब अवधेशानंद गिरी महाराज की संबोधन की बारी आई तो उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर की आभा ही अलग और अछ्वुत है। संत सम्मेलन वहीं पर होना चाहिए। अवधेशा नंद महाराज का संबोधन जैसे ही समाप्त हुआ स्वामी ज्ञानानंद महराज ने मंच से घोषणा की कि अगली बार पुरुषोत्तमपुरा बाग में ही संत सम्मेलन का आयोजन होगा। उसके बाद संत वहां आयोजित होने वाली महाआरती में शामिल होंगे।


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