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कुटा चुनाव के प्रचार अभियान में आई तेजी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कुटा) के चुनावों को लेकर दो पक्षों ने प्रचार तेज कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 07:00 AM (IST)
कुटा चुनाव के प्रचार अभियान में आई तेजी
कुटा चुनाव के प्रचार अभियान में आई तेजी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कुटा) के चुनावों को लेकर दो पक्षों ने प्रचार तेज कर दिया है। प्रचार अभियान के तेजी पकड़ने पर कुवि परिसर में चुनावी माहौल गर्माने लगा है। चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने अपने-अपने पक्ष में वोट के लिए मतदाताओं के घरों पर दस्तक देनी शुरू कर दी है। कुटा चुनावों को लेकर मतदान 20 अक्टूबर को होगा। कुटा प्रधानी के दोनों प्रत्याशी अपने-अपने एजेंडों के साथ मैदान में हैं और मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं।

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कुटा प्रधान पद के लिए पूर्व प्रधान डा. परमेश और पूर्व सचिव डा. नरेश मैदान में हैं। दोनों ही दावेदार अपने-अपने कार्यकाल में करवाए गए कामों को गिनवाकर शिक्षकों को अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं। इन चुनावों में 367 मतदाता उपप्रधान के लिए दो प्रत्याशियों, सचिव के लिए तीन प्रत्याशियों और सह सचिव के लिए दो प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। कुटा कार्यकारिणी सदस्यों में फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के भी एक पद के लिए मतदान होने हैं।

प्रधान पद के लिए मैदान में उतरे डा. परमेश अपने पिछले कार्यकाल में शिक्षकों के हित के लिए किए गए कार्याें को गिनवाकर शिक्षकों से वोट की अपील कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुवि की सबसे बड़ी समस्या आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए सरकार से 300 करोड़ रुपये का बजट लाया जाएगा, इसके साथ ही सातवें वेतन आयोग की गाइडलाइंस को लागू करवाने के साथ-साथ सेल्फ फाइनेंस पदों को बजटिड में बदलवाया जाएगा। इसके अलावा पांच दिवसीय सप्ताह को लागू करवाने और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करवाई जाएगी।

उनके सामने मैदान में डटे पूर्व सचिव डा. नरेश कुमार ने बताया कि कुवि की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से साफ होनी चाहिए। शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। इस तरह के मामलों पर विवि प्रशासन को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इसके साथ ही कुवि में कम हो रहे शिक्षकों के पदों को देखते हुए विवि को 65 वर्ष तक शिक्षकों को नियुक्ति देनी चाहिए।


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