भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा के आदशरें को जीवन में बनाए रखने की जरूरत है
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करने की जरुरत हैं। जो व्यक्ति सदाचार को अपनाएगा वह निश्चित ही अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करने की जरुरत हैं। जो व्यक्ति सदाचार को अपनाएगा वह निश्चित ही अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगा। वे वीरवार को गुलजारी लाल नंदा नीतिशास्त्र- दर्शनशास्त्र केंद्र संग्रहालय एवं पुस्तकालय की ओर से स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की 121वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इससे पहले पंडित नरेश कौशिक व उनके शिष्यों ने हवन यज्ञ में मंत्रोच्चारण किया। इसमें थानेसर विधायक सुभाष सुधा, विधायक डॉ. पवन सैनी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा, डीसी डॉ.एसएस फुलिया, सीटीएम अनिल यादव, सीईओ केडीबी संयम गर्ग, रजिस्ट्रार डॉ.नीता खन्ना, डॉ.हिम्मत सिंह सिन्हा, प्रोफेसर इंचार्ज सुरेंद्र मिश्रा ने नंदा जी के सदाचार समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। सभी ने पौधा रोपण कार्यक्रम में भाग लिया। सवा दो लाख रुपये की लागत से निर्मित भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान विधायक सुभाष सुधा ने संस्थान को पांच लाख रुपये और विधायक डॉ.पवन सैनी ने केडीबी कार्यालय में भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सवा दो लाख रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरके देशवाल के शोधार्थी रवि कुमार द्वारा गुलजारी लाल नंदा के सामाजिक व नैतिक सिद्घांतों का दार्शनिक विवेचन विषय पर किए शोध का विमोचन भी किया।
विधायक सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति की आस्था भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा से जुड़ी हुई है। उनके सपने को पूरा करने के लिए ब्रह्मसरोवर में चलता पानी योजना को शुरू किया गया और श्रीकृष्णा सर्किट के तहत 97.50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। विधायक डॉ.पवन सैनी ने कहा कि दा जी ने सारी उम्र समाज के लिए जिए और कुरुक्षेत्र के विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने नंदाजी को एक सच्चे राष्ट्र प्रेमी, निष्काम, कर्मयोगी तथा आधुनिक कुरुक्षेत्र का निर्माता बताया। इस कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलपति ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी रहे छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। केंद्र के प्रोफेसर इंचार्ज सुरेंद्र मिश्रा ने विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। संगीत विभाग की निदेशक प्रो.शुचिस्मिता और डॉ.अशोक ने भजन प्रस्तुत किए।