शिशु के नाटेपन का कारण ऊपरी आहार में कमी: कुसुम
शिशु बार-बार बीमार पड़ रहा है और बीमारी के बाद में कम आहार ले रहा है तो वह इस उम्र में लंबाई बढ़ने का अवसर खो देता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : महिला एवं बाल विकास विभाग के ब्लॉक थानेसर अर्बन कार्यालय में मॉड्यूल नंबर-14 की ब्लॉक रिसोर्स ग्रुप (बीआरजी) की एक दिवसीय ट्रेनिग की गई। इसका शुभारंभ सीडीपीओ कुसुम कंबोज ने किया। ट्रेनिग में सुपरवाइजर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्करों ने भाग लिया। इस दौरान बीमारी के दौरान मां शिशुओं को कैसा आहार दें इस बारे में जानकारी दी गई। कुसुम कंबोज ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र की जिम्मेदारी बहुत अधिक हैं। उन्होंने बताया कि शिशु के नाटेपन का प्रमुख कारण ऊपरी आहार में कमी और बार-बार होने वाली बीमारियां हैं। यदि शिशु बार-बार बीमार पड़ रहा है और बीमारी के बाद में कम आहार ले रहा है तो वह इस उम्र में लंबाई बढ़ने का अवसर खो देता है। माता को स्तनपान करना जारी रखना चाहिए। बीमारी के दौरान व बाद में शिशु को बार-बार स्तनपान करना चाहिए। बीमारी के बाद भूख के अनुसार मां को छह माह से अधिक उम्र के शिशु की ऊपरी आहार की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए और बार-बार खिलाना चाहिए। इस मौके पर सुपरवाइजर कांता, सुशीला, बीपीसी रिकी, सुदेश, प्रवीण व सुमन मौजूद रहीं।