जानलेवा हमले के मुख्य गवाह की अपहरण कर हत्या करने का प्रयास
ठसका मीरां जी गांव के जानलेवा हमले के मुख्य गवाह का अपहरण करने और नशीला पदार्थ खिलाकर जान से मारने के प्रयास का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चारों पर एससीएसटी एक्ट भी लगाया गया है। युवक नहर किनारे बेहोशी की हालत में मिला। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले की जांच डीएसपी गुरमेल सिंह को सौंपी है।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : ठसका मीरां जी गांव के जानलेवा हमले के मुख्य गवाह का अपहरण करने और नशीला पदार्थ खिलाकर जान से मारने के प्रयास का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चारों पर एससीएसटी एक्ट भी लगाया गया है। युवक नहर किनारे बेहोशी की हालत में मिला। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले की जांच डीएसपी गुरमेल सिंह को सौंपी है।
ठसका मीरां जी गांव निवासी राज कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके गांव का विक्रम उसके भाई अनिल कुमार को विगत रोज घर से बुलाकर ले गया। जब अनिल काफी देर तक नहीं आया तो उसका पता लगाना शुरू किया। उसको पता चला कि अनिल को एक काली गाड़ी में बैठे देखा गया है। उसमें तीन अन्य लोग भी बैठे हुए थे। वे झांसा गांव की ओर गए हैं। ऐसे में जब विक्रम से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उसने बताया कि अनिल झांसा के पास नहर किनारे मिलेगा। राजकुमार ने बताया कि वह मौके पर पहुंचे तो अनिल बेहोशी की हालत में मिला। राजकुमार ने आरोप लगाया कि अनिल कुमार का पहले अपहरण किया गया। इसके बाद नशीला पदार्थ खिलाकर जान से मारन का प्रयास किया गया। राजकुमार ने बताया कि विक्रम के खाली कागजों पर भी हस्ताक्षर करवाए गए हैं। आरोपियों में दलजीत सहित तीन अन्य को नामजद किया गया है। पुलिस ने चारों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी गुरमेल सिंह ने मौके का जायजा लिया। थाना प्रभारी भीम राज शर्मा ने बताया कि मामले की बारीकि से छानबीन की जा रही है।
पुरानी रंजिश अपहरण का कारण
राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उनके गांव में होली के दिन योजनाबद्ध तरीके से काफी युवकों ने चरणदास नाम के युवक पर जानलेवा हमला किया था। इसमें दस आरोपित जेल में बंद हैं। इस मामले में अनिल कुमार मुख्य गवाह है। ऐसे में अब उसे निशाना बनाया गया है। राजकुमार ने पुलिस से जान माल की सुरक्षा की भी मांग की है।