अपने भीतर की भक्ति को जानने की कला है आर्ट आफ ली¨वग
संवाद सहयोगी लाडवा : लाडवा में रेड रोड पर आर्ट आफ ली¨वग सत्संग का आयोजन किया गया, जिसम
संवाद सहयोगी लाडवा : लाडवा में रेड रोड पर आर्ट आफ ली¨वग सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें लाडवा सहित रादौर, इंद्री, यमुनानगर व शाहाबाद के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। राइस मिल एसोसिएशन के प्रधान अशोक खुराना की ओर से आयोजित इस सत्संग में आर्ट आफ लि¨वग टीम के दक्ष, वनत, अक्षत, भृगु व लाल ¨सह ने प्रवचन व भजनों से श्रद्धालुओं को आर्ट आफ लि¨वग की जानकारी दी।
श्रीश्री रविशंकर के प्रवचनों को बताते हुए टीम के सदस्यों ने कहा कि हमारे भीतर कुछ ऐसा है जो कभी नहीं बदलता और हम सबने कभी न कभी किसी न किसी रूप में इसका अनुभव किया है। हम अपने इस कभी न बदले स्वरूप की ओर केंद्रित होंगे तो फिर ज्ञान का भोर होगा। हमारे भीतर के स्वयं को सब कुछ पता होता है, उसे अतीत व भविष्य का भी ज्ञान होता है। ध्यान ही वह प्रक्रिया है, जिससे मन को बाहर की सुंदरता से भीतर की भक्ति की ओर केंद्रित किया जा सकता है। टीम के सदस्यों ने श्रद्धालुओं को सुदर्शन क्रिया की जानकारी दी और इसके लाभ भी बताए। आर्ट आफ लि¨वग टीम द्वारा प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु झूमकर मस्ती में नाचते रहे। इस अवसर पर डॉ. अमनदीप खुराना, राकेश खुराना, संदीप शर्मा, सुशील कुमार, अमित ऐरन, अमित खुराना, नपा प्रधान साक्षी खुराना, निर्मल खुराना, बबीता उपस्थित थे।