कुवि की कमजोर आर्थिक स्थिति पर शिक्षकों के एरियर की मार
कुवि की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है और ऊपर से सातवें वेतन आयोग के एरियर की चोट उस पर भारी पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुवि की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है और ऊपर से सातवें वेतन आयोग के एरियर की चोट उस पर भारी पड़ रही है। एरियर के भुगतान के लिए पहले ही कुवि के गैर शिक्षक कर्मचारी हड़ताल पर हैं, ऊपर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के साथ ही शिक्षकों का एरियर भी पहाड़ बनता दिख रहा है। शिक्षकों के एरियर की बात करें, तो जनवरी, 2016 से अब तक शिक्षकों के लगभग 20 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय की ओर से देनदारी होगी। ऐसे में आर्थिक कमजोरी से जूझ रहे प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के लिए इस माह 20 करोड़ शिक्षकों का एरियर, 10 करोड़ रुपये गैर शिक्षक कर्मचारियों का एरियर और लगभग 10 करोड़ रुपये मासिक वेतन की देनदारी होगी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कमजोर आर्थिक स्थिति जहां प्रशासन को तंग कर रही है, जबकि कर्मचारियों और शिक्षकों पर भी भारी पड़ रही है। पिछले वर्ष से सातवें वेतन आयोग का लाभ ले रहे कुवि गैर शिक्षक कर्मचारियों को अभी तक एरियर नहीं मिला है। उसकी ज्यादा राशि होने के कारण प्रशासन जारी नहीं कर पाया। अब दूसरी बड़ी समस्या सामने आने लगी है। हाल में प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है। जो काफी देरी से लागू होने के कारण शिक्षकों को जनवरी, 2016 से लेकर अभी तक का एरियर देना होगा। जो दो साल नौ माह का बनता है। ऐसे में यह राशि काफी ज्यादा यानि लगभग 20 करोड़ रुपये होगी। जो कुवि पर भारी हो सकती है।
हड़ताल बढ़ाएगी दिक्कत
पिछले दिनों कुवि के गैर शिक्षक कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी कराने के लिए हड़ताल की। इस दौरान न तो कोई फीस जमा हो पाई और न ही अन्य आमदनी हुई। ऐसे में पहले से ही आर्थिक रूप से दिक्कत में चल रहे विश्वविद्यालय के लिए यह माह घातक हुआ। प्रदेश सरकार की ओर से एरियर की राशि भी समय पर जारी न करने से परेशानी बढ़ रही है, जबकि प्रदेश सरकार की ओर से नोटिफिकेशन में 30 सितंबर तक एरियर जारी करने के लिए कहा गया है।