नहीं थम रही स्कूल बसों की मनमानी : डॉ.दहिया
प्रशासन की नाक तले यह सब कुछ हो रहा है और वह आंख बंद किये बैठा है। यह कहना है सर्वजातीय सर्वखाप महिला महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संतोष दहिया का।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शहर में स्कूल बसों की मनमानी नहीं थम रही है। वे बच्चों की सुरक्षा से न केवल खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी मखौल उड़ा रहे हैं। प्रशासन की नाक तले यह सब कुछ हो रहा है और वह आंख बंद किये बैठा है। यह कहना है सर्वजातीय सर्वखाप महिला महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संतोष दहिया का। वे गुरुवार को गांव बारवा में दिवंगत अक्षयवीर की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के बाद शोक संतप्त परिजनों से बात कर रही थी।
बता दें कि गांव बारवा निवासी पांच वर्षीय अक्षयवीर पुत्र कर्मवीर किड्स एकेडमी में केजी कक्षा का छात्र था। मंगलवार सुबह वह स्कूल की वैन में बैठकर निकला था, कुछ दूर वैन के आगे ट्रैक्टर ट्राली आने पर चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए और वैन में अकेला बैठा अक्षयवीर पीछे रखी स्टेपनी से जा टकराया और गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे कुछ देर बाद एक निजी अस्पताल में लाया गया तो डॉक्टरों ने जांच के बाद अक्षयवीर को मृत घोषित कर दिया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने वैन चालक नफे सिंह व प्रधानाचार्य के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया। गुरुवार को जब प्रोफेसर संतोष दहिया कर्मवीर की इकलौती संतान अक्षयवीर के निधन पर शोक जताने गांव बरवा पहुंची तो वैन में सहायक के नहीं होने पर उन्होंने भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को लाने व ले जाने के लिए निर्धारित वाहनों के पीछे स्कूल ड्यूटी, स्कूल का नाम व दूरभाष नंबर लिखा होना चाहिए। इन वाहनों का रंग भी पीला होना चाहिए। स्कूली वाहनों में एक देखभाल करने वाला अटेंडेंट होना अनिवार्य है। गति सीमा का पालन सुनिश्चित हो। क्षमता से अधिक बच्चे नहीं बिठाए जाने चाहिए। फर्स्ट एड बॉक्स व अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए। उनके अनुसार स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट के मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले संचालकों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। शोक जताने वालों में रघुबीर सिंह, राजेश शर्मा, शेर सिंह, ज्ञानचंद, प्रकाश, सतबीर, रामपाल, अमरनाथ, रामेश्वर, मंजीत सिंह व राममेहर शामिल रहे।