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लॉकडाउन में सुधरने लगा एक्यूआइ, गत वर्ष से कम दिख रहा है असर

कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) सुधरने लगा है। लॉकडाउन लगने से दो दिन पहले एक मई को जहां धर्मनगरी में एक्यूआइ का स्तर 262 था। यह छह मई को 158 हो गया है। पर्यावरण में स्वच्छता और शुद्धता आने पर लोग भी सुबह-शाम घरों से बाहर निकलकर शुद्ध हवा में खुलकर सांस ले रहे हैं। हालांकि गत वर्ष के मुकाबले इस बार एक्यूआइ पर लॉकडाउन का असर कम दिख रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 08:14 AM (IST)
लॉकडाउन में सुधरने लगा एक्यूआइ, गत वर्ष से कम दिख रहा है असर
लॉकडाउन में सुधरने लगा एक्यूआइ, गत वर्ष से कम दिख रहा है असर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) सुधरने लगा है। लॉकडाउन लगने से दो दिन पहले एक मई को जहां धर्मनगरी में एक्यूआइ का स्तर 262 था। यह छह मई को 158 हो गया है। पर्यावरण में स्वच्छता और शुद्धता आने पर लोग भी सुबह-शाम घरों से बाहर निकलकर शुद्ध हवा में खुलकर सांस ले रहे हैं। हालांकि गत वर्ष के मुकाबले इस बार एक्यूआइ पर लॉकडाउन का असर कम दिख रहा है।

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गत वर्ष लॉकडाउन ज्यादा प्रभावी होने पर जहां मई के पहले सप्ताह में एक्यूआइ 87 से 120 के बीच रहा था, वहीं इस बार बढ़कर 262 से 158 के बीच है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसके पीछे गत वर्ष के मुकाबले इस बार कई तरह की कारोबारी गतिविधियां जारी होने और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी ज्यादा रहने को बड़ा कारण मान रहे हैं। हालांकि एक दिन की बूंदाबांदी से सात मई को इसका स्तर कम होकर 78 तक पहुंचा है।

तीन मई को लगा था लॉकडाउन

प्रदेश सरकार की ओर से तीन से नौ मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। हालांकि स्कूल और कालेज इससे पहले ही बंद कर दिए गए थे। इसके अलावा बाजार भी शाम छह बजे बंद करवाए जा रहे थे। इस सबके बाद भी कोरोना संक्रमण में कमी न आने पर लॉकडाउन का फैसला लिया गया। इस बार लॉकडाउन में भी कई तरह की गतिविधियों को जारी रखा गया है। ऐसे में दिन रात सड़कों पर वाहनों की आवाजाही जारी है। ---- यह रहा एक्यूआइ तिथि मई 2020 मई 2021

7 मई 87 78

6 मई 106 158

5 मई 92 109

4 मई 53 172

3 मई 121 177

2 मई 120 164

1 मई 116 262 ------ वाहनों से फैल रहा प्रदूषण पर्यावरण विशेषज्ञ डा. नरेश भारद्वाज ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कई तरह की कारोबारी गतिविधियों के साथ-साथ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम हो जाती है। इससे हवा में जहरीली गैसों की मात्रा कम होने पर पर्यावरण स्वच्छ होता है। स्वच्छ पर्यावरण में सांस लेने से मनुष्य कई तरह की बीमारियों से बचता है। प्रकृति पर भी इसका असर साफ दिखाई देता है। गत वर्ष लॉकडाउन के लंबा और प्रभावी रहने पर हवा में शुद्धता आई थी। इससे पेड़ पौधों पर फल और फूल में सामान्य के मुकाबले ज्यादा आए थे। --- 0 से 50 बीच होता है अच्छा

एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच होने पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। 51 से 100 तक संतोषजनक और 101 से 200 तक मध्यम और 201 से 300 तक तुच्छ माना जाता है।


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