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जोगिया द्वारे द्वारे

हुआ यूं कि एक नेता जी दूसरे नेता जी के यहां विवाह का निमंत्रण देने पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 08:52 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 08:52 AM (IST)
जोगिया द्वारे द्वारे
जोगिया द्वारे द्वारे

हुआ यूं कि एक नेता जी दूसरे नेता जी के यहां विवाह का निमंत्रण देने पहुंचे। दोनों ने चाय ली और उसके बाद बातचीत चल निकली। चुनाव में उतरे नेता जी बात-बात में ही तुनक कर बोले देख तेरी बिरादरी ने वोट नहीं दिया। सामने वाला यह सुनकर सन्न रह गया। उसने कहा वेखो आ तुहाडी गलत फहमी है। असीं तां तुवाडे लई घर-घर जाके वोटां मंगियां। नेता जी कहने लगे वोट पड़े होते तो तुम्हारे गांव में हमारी ये हालत न होती। यही नहीं तुम्हारे मुहल्ले में तो हमें वोट देने से जवाब तक देने वाले परिवार आगे आ गए थे। यह सुनकर नेता जी ने विवाह का निमंत्रण और मिठाई का डिब्बा वापस उठा लिया। जब चलने लगे तो बीच के एक आदमी ने कहा अरे ये तो अपने साथ थे। लो मिठाई लो। यह कहकर निमंत्रण मेज पर रख दिया। मगर सामने वाले नेता जी का पारा नीचे नहीं आ रहा था। ऐसे में विवाह वाले नेता ने तपाक से कह डाला कोई गल नी अगली बार तुवाडा भी 75 पार कर दयांगे। यह सुन आसपास बैठे लोग सुन्न पड़ गए।

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असी ग्रुप ते फेसबुक नी मेहनती बंदे आं

चुनाव निपट गया अब किस्से तुनक मिजाजी के चल निकले हैं। हुआ यूं कि जीते नेता जी को वो लोग बधाई देने पहुंचे जो कि चुनाव के दौर में घरों में दुबक गए थे। इन पर भितरघात के आरोप लग रहे हैं। जब इन नेताओं को मेहनती नेताओं ने देखा तो पूछ लिया अरे आप इसी धरती पर हैं। यह सुन एक नेता जी को तो जैसे सांप सूंघ गया। मजे की बात यह रही कि जीते नेता जी से मुलाकात कराते समय भी कह दिया कि ये एक महीने बाद धरती पर अवतरित हुए हैं। तभी दूसरे नेता जी बोले देखो जी हमने तो मेहनत करनी थी मगर रिश्तेदारी में अफसोस हो गया था। बाकी हम फेसबुक पर जमे रहे। मेहनती नेता जी से रहा नहीं गया बोल पड़ा भाई थामनै तो पूरी गोभी खोदी। यू तो भला हो चश्मे वालों का समय पर जितवा गए। बाकी हम ग्रुप और फेसबुक नेता नी हम तो मेहनत में विश्वास करते हैं। ऐसे भी थे जो कि चाय और वाहन किराये में ठगी लगा गए। आसपास खड़े लोग मंद मंद मुस्कुराते रहे। जोगिया भी समझ गया कि माजरा अब साफ हो रहा है। कुछ नेता जी चुनाव के बाद अचानक मिले। अलग अलग दल में रहे। मगर इन सभी के नेता हरियाणा सचिवालय तक पहुंच गए हैं। भाई म्हारे वाला तो खेल संभाल रहा है। तभी दूसरा बोला हम तो डिप्टी तक पहुंच गए हैं। दोनों ने तीसरे से पूछा तुम्हारा कैसा रहा। इस नेता जी ने झट से कहा भाई हम तो बिजली वाले आं। महाशय का खास नेता जी बिजली मंत्री जो बन गया है। इन महाशय जी से बिजली मंत्री का पारिवारिक नाता है। अब यही कहते हैं बिजली भी चलेगी और सरकार भी चलेगी।

डीसी शर्मा


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