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आलमपुर के गंदे पानी की निकासी सिस्टम दूसरों के लिए बनी नजीर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्राम पंचायत आलमपुर ने गांव में स्वच्छता का आलम तैयार कर पूरे जिले के साथ प्रदेश के सामने एक मिसाल कायम कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 12:16 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 12:16 AM (IST)
आलमपुर के गंदे पानी की निकासी सिस्टम दूसरों के लिए बनी नजीर
आलमपुर के गंदे पानी की निकासी सिस्टम दूसरों के लिए बनी नजीर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्राम पंचायत आलमपुर ने गांव में स्वच्छता का आलम तैयार कर पूरे जिले के साथ प्रदेश के सामने एक मिसाल कायम कर दी है। आमतौर पर ग्रामीण जिस जोहड़ के ओवरफ्लो होने से उसके गंदे पानी से परेशान थे आज इस पंचायत ने उसी पानी को खेतों में खड़ी फसल की ¨सचाई के उपयोग के लायक बना दिया। ग्राम पंचायत की ओर से गंदे पानी की निकासी के लिए भी गांव में थ्री-पोंड सिस्टम के तहत जोहड़ का निर्माण किया गया है। पंचायत ने गांव की नालियों में बहने वाली शौचालयों की गंदगी को सीवरेज लाइन के जरिये थ्री-पोंड जोहड़ में पहुंचा दिया है। इसी गंदे पानी को थ्री-पोंड सिस्टम से निकाल कर खेतों में उपयोग कर ग्राम पंचायत ने एक नजीर पेश की है। इससे गांव साफ-सुथरा तो हुआ ही साथ ही गंदे पानी की बदबू से भी छुटकारा मिला है। अब अन्य पंचायतें भी इससे सीख लेने लगी हैं।

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इतिहास आलमपुर गांव की पंचायत में तीन गांव हैं। जिनमें आलमपुर, खेड़ी ब्राह्मणा और सलारपुर शामिल हैं। तीनों गांव में चार हजार लोगों की आबादी है। शहर के नजदीक होने के कारण शिक्षा का स्तर अच्छा है और नौकरियों में भी काफी लोग हैं। इसके अलावा गांव में प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूलों के साथ ही पंचायत भवन, पैट्रोल पंप से लेकर अन्य सभी प्रकार की सुविधाएं हैं जो किसी शहर से कम नहीं है।

बाक्स बड़ी समस्या का किया समाधान

ग्रामीण संजीव कुमार ने कहा कि लगभग डेढ़ साल भर पहले गांव आलमपुर में सबसे बड़ी समस्या ही गंदे पानी की निकासी की थी। गांव में जोहड़ ओवरफ्लो होने के कारण सरकारी स्कूल की दीवार ढह गई थी और पानी स्कूल के कमरों तक में जाने लगा था।बरसात के दिनों में स्कूल में गंदा पानी घुस जाता था और कमरों में सांप घूमने लगे थे। समस्याओं से तंग शिक्षकों को किसी अनहोनी के डर से अपनी जेब से पैसे खर्च कर स्कूल की खिड़कियों में बारीक जालियां लगानी पड़ी थी। ऐसा निकाला समाधान, जो बन गया मिशाल

ग्रामीण दिलबाग ¨सह गांव के शौचालयों से निकलकर खुली नालियों में बहने वाली गंदगी के लिए सीवरेज लाइन डाली गई। इस गंदे पानी की निकासी के लिए गांव के बाहर पंचायत की जमीन में एक थ्री-पोंड सिस्टम जोहड़ तैयार किया गया। इसी जोहड़ से निकलने वाले पानी को पाइप दबाकर खेतों में ¨सचाई के लिए भेजा गया। इसके बाद गांव से गंदगी दूर हो गई। इस जोहड़ को भी मछली पालन के लिए किराये पर दिया गया और अब बरसातों से पहले थ्री-पोंड सिस्टम के लिए बनाए जोहड़ के किनारों पर पौधरोपण किया जा रहा है। इससे एक तो गांव से गंदगी दूर हुई और दूसरा जो पानी सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ था वह अब गांव के लिए उपयोगी बन गया। जोहड़ में भरा जाएगा पानी ग्रामीण विनोद ने बताया कि गांव में जो जोहड़ था, अब उसकी सफाई कराकर उसमें साफ पानी भरा जाएगा। जो गांव में पशुओं को नहलाने के काम आएगा। इससे पानी की बड़ी बचत होगी। यह काम करने में उन्हें थानेसर के विधायक सुभाष सुधा का पूरा सहयोग और मार्गदर्शन मिल रहा है। अब दूसरे गांव में भी करने की तैयारियां आलमपुर के सरपंच रजनीश कुमार ने बताया कि सीवरेज सिस्टम वाला पहला गांव गांव आलमपुर सीवरेज सिस्टम वाला जिले का पहला गांव है। अब इसी तर्ज पर गांव सलारपुर में भी काम को लगभग पूरा कर दिया गया है। इससे कई फायदे हुए हैं। एक तो गंदा पानी गांव से दूर चला गया, दूसरा थ्री-पोंड सिस्टम में पानी साफ होने के बाद ¨सचाई के काम आ रहा है।


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