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रामायण पाठ से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मन शांत होता है : महंत जगन्नाथ पुरी

मारकंडा नदी के तट पर ठसका मीरांजी स्थित श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में सर्वकल्याण की भावना स. शरद पूर्णिमा पर रामायण पाठ किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:10 AM (IST)
रामायण पाठ से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मन शांत होता है : महंत जगन्नाथ पुरी
रामायण पाठ से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मन शांत होता है : महंत जगन्नाथ पुरी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मारकंडा नदी के तट पर ठसका मीरांजी स्थित श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में सर्वकल्याण की भावना स. शरद पूर्णिमा पर रामायण पाठ किया गया। अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने इसका शुभारंभ किया। मुख्य यजमान विनायक शर्मा, रिकू शर्मा व बिट्टू शर्मा रहे। उन्होंने विधिवत मंत्रोच्चरण के साथ विद्वान ब्राह्मणों मुकेश शास्त्री, नरेंद्र शर्मा, सुखदेव, मायाराम व मोहित ने पूजन कराया।

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महंत जगनाथ पुरी ने कहा कि रामायण में केवल भगवान श्रीराम और रावण की कथा ही नहीं है, बल्कि इसमें मनुष्य जीवन की मर्यादा के साथ धर्म और अधर्म के बारे में बताया गया है। जो मनुष्य नियमित रामायण का पाठ करता है तो उसे अक्षय पुण्य और मन को शांति मिलती है। विचारों की नकारात्मकता दूर हो जाती है। आचार्य मुकेश शास्त्री ने बताया कि व्यक्ति को रामायण के आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।

महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि रामायण पाठ का समापन 31 अक्टूबर शनिवार को भंडारे के साथ होगा। इस मौके पर नसीब सिंह, शामू, साहब सिंह, मास्टर मामराज मंगला, रामकुमार, सुक्खा सिंह, सरजा सिंह, नाजर सिंह व पुरुषोत्तम डोगरा मौजूद रहे।


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