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अक्टूबर माह में खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है प्रदूषण का स्तर

कुरुक्षेत्र। धान कटाई का सीजन शुरू होते ही धर्मनगरी के एयर क्वालिटी इंडेक्स में 300 प्वाइंट तकबढ़ोतरी हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 12:11 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 05:06 AM (IST)
अक्टूबर माह में खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है प्रदूषण का स्तर
अक्टूबर माह में खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है प्रदूषण का स्तर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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धान कटाई का सीजन शुरू होते ही धर्मनगरी के एयर क्वालिटी इंडेक्स में 300 प्वाइंट तक बढ़ोतरी हो जाती है। यह बढ़ोतरी मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। गत वर्ष धान कटाई का सीजन शुरू होने से पहले जहां धर्मनगरी का एक्यूआइ 100 के आस-पास चल रहा था वही 14 अक्टूबर तक बढ़कर 205 और 31 को 415 तक पहुंच गया था। इसी सीजन में जिला भर में 126 जगहों पर आग लगने की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग ने 71 मामलों में पुलिस को शिकायत दी थी।

सितंबर माह के अंत में धान कटाई के बाद फसली अवशेषों में आग लगाने के मामले सामने आने लगते हैं। ऐसे में हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। आग लगने की घटनाएं बढ़ने पर प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ता जाता है। यही बढ़ता प्रदूषण सांस के रोगियों के लिए जानलेवा बनने लगा है। गत वर्ष में एक अक्टूबर को जहां कुरुक्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स मात्र 48 पर था वही अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में 415 तक पहुंच गया था।

पर्यावरण विशेषज्ञ डा. नरेश भारद्वाज ने बताया कि एक्यूआइ के 100 से ऊपर पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाता है। हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ने पर सांस के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है। उन्होंने बताया कि एक्यूआइ 0-50 तक सेहत के लिए बेहतर रहता है। इसके बाद 51 से 100 तक संतोषजनक है। इसके बाद एक्यूआई के 101 से ऊपर जाने पर यह स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। सांस के रोगियों के लिए तो एक्यूआइ का लेवल बढ़ने पर खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।

गत वर्ष 126 जगहों पर मिली थी आग लगने की सूचना

गत वर्ष कृषि विभाग को 126 जगहों पर आग लगने की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर कृषि विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर 71 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी।


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