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अब भी सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं है हवा

हवा में फैले धुएं ने वातावरण को बिगाड़कर रख दिया है। हवा सांस लेने के लिए अब तक सुरक्षित नहीं हो पाई है। एक नवंबर शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता 380 दर्ज की गई जो सांस लेने के लिए असुरक्षित है। इसकी वजह से सांस के मरीजों की हालत दिन पर दिन बिगड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:27 AM (IST)
अब भी सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं है हवा
अब भी सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं है हवा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

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हवा में फैले धुएं ने वातावरण को बिगाड़कर रख दिया है। हवा सांस लेने के लिए अब तक सुरक्षित नहीं हो पाई है। एक नवंबर शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता 380 दर्ज की गई, जो सांस लेने के लिए असुरक्षित है। इसकी वजह से सांस के मरीजों की हालत दिन पर दिन बिगड़ रही है। वायु में बढ़ रहे पार्टिकुलर मैटर ने सीओपीडी मरीजों को अस्पतालों के आपातकालीन विभाग तक पहुंचा दिया है। ओपीडी में 10 से 15 प्रतिशत सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है।

अक्टूबर माह जैसे ही शुरू हुआ, पार्टिकुलर मैटर 2.5 भी बढ़ता चला गया। पहले सप्ताह में जहां पीएम 167 था, वहीं बढ़ते बढ़ते वह 18 अक्टूबर को 278 हो गया। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता बिगड़ती चली गई और दिवाली के दो दिन बाद 369 दर्ज की गई। शुक्रवार को भी वायु की गुणवत्ता 380 दर्ज की गई। झांब क्लीनिक संचालक डॉ. एनके झांब ने बताया कि सांस के मरीजों की संख्या 10 से 15 प्रतिशत बढ़ी है। इन दिनों में सांस के मरीजों की तकलीफ तो बढ़ जाती है। मगर इस बार इन मरीजों की संख्या 10 से 15 प्रतिशत बढ़ी है। तारीख पीएम 2.5 इस दिन रहा सबसे ज्यादा

1 से 5 167 3

5 से 15 214 15

15 से 20 278 18

20 से 25 252 22

25 से 30 369 29


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