गुरुकुल कुरुक्षेत्र देखने के लिए शिमला से आए कृषि विशेषज्ञ
हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित एआइसीएसटी के 35 कृषि विशेषज्ञों ने म¨हद्र आर्य के नेतृत्व में गुरुकुल कुरुक्षेत्र का दौरान किया। प्रतिनिधि मंडल में आए लोगों ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कम लागत प्राकृतिक कृषि फार्म के साथ-साथ गुरुकुल के विभिन्न प्रकल्पों का दौरा किया और महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित एआइसीएसटी के 35 कृषि विशेषज्ञों ने म¨हद्र आर्य के नेतृत्व में गुरुकुल कुरुक्षेत्र का दौरान किया। प्रतिनिधि मंडल में आए लोगों ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कम लागत प्राकृतिक कृषि फार्म के साथ-साथ गुरुकुल के विभिन्न प्रकल्पों का दौरा किया और महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। सदस्यों का प्रधान कुलवंत ¨सह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर ¨सह व गुरदीप ¨सह ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
सैनी ने कहा कि रासायनिक खेती ने किसान को बर्बाद कर दिया है। इससे किसान को न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि यूरिया व पेस्टीसाइड, डीएपी के प्रयोग से खेत की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ-साथ भूमि का जलस्तर गिरता जा रहा है और मित्र जीव भी समाप्त हो गये हैं जिस कारण पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन सारी समस्याओं से बचने का केवल एक ही उपाय है कम लागत प्राकृतिक खेती।
सह प्राचार्य शमशेर ¨सह व फार्म मैनेजर गुरदीप ¨सह ने प्रतिनिधिमंडल में आए सभी किसानों को गुरुकुल का भ्रमण कराया। उन्होंने फार्म पर खड़ी गन्ना, गेहूं व सब्जियों की फसलों को देखा और आश्वासन दिया वे कम लागत प्राकृतिक कृषि मॉडल को न केवल अपनाएंगे, बल्कि जहां संभव होगा, लागू करवाने का प्रयास करेंगे। प्रतिनिधि मंडल में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और कम लागत प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत, घनजीवामृत व अन्य उपयोगी उत्पादों में अपनी रुचि व्यक्त की।