छात्रों के संघर्ष के बाद जीत, कुवि अधिकारियों के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पिछले आठ दिनों से चल रहा विद्यार्थियों का अनशन प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। कुवि अधिकारियों ने छात्रों को सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। उसके बाद प्रोक्टर प्रो. आरके देसवाल और चीफ वार्डन डॉ. सीपी सिंह ने अनशन पर बैठे छात्रों को जूस पिलाकर अनशन को समाप्त कराया। शुक्रवार को कमेटी अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले पूरा दिन कुवि के प्रोक्टोरियल बोर्ड की बैठक चलती रही और निष्कासित नौ छात्राओं और उनके अभिभावकों से बातचीत की। अन्य आठ छात्रों से दो अप्रैल को बातचीत की गई थी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पिछले आठ दिनों से चल रहा विद्यार्थियों का अनशन प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। कुवि अधिकारियों ने छात्रों को सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। उसके बाद प्रोक्टर प्रो. आरके देसवाल और चीफ वार्डन डॉ. सीपी सिंह ने अनशन पर बैठे छात्रों को जूस पिलाकर अनशन को समाप्त कराया। शुक्रवार को कमेटी अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले पूरा दिन कुवि के प्रोक्टोरियल बोर्ड की बैठक चलती रही और निष्कासित नौ छात्राओं और उनके अभिभावकों से बातचीत की। अन्य आठ छात्रों से दो अप्रैल को बातचीत की गई थी। बैठक में बोर्ड के सदस्यों ने छात्रों का पक्ष सुना। उसके बाद बोर्ड के सदस्यों ने कुलपति से बैठक कर अनशन को समाप्त कराने का निर्णय लिया था। वहीं छात्र नेताओं का कहना है कि यह छात्रों के संघर्ष की जीत है। संयुक्त छात्र संघर्ष समिति संयोजक विनोद गिल, सुमन, दीपेंद्र बराड़, मोहित, ज्योति, रामलाल, प्रदीप सातों विद्यार्थी चौथे दिन भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे।
छात्रों के संघर्ष की जीत हुई
छात्र संघर्ष समिति के सात सदस्य 17 छात्रों के निष्कासन के मामले में पिछले आठ दिनों से अनशन पर थे। जिनमें कई बार उनकी हालत भी बिगड़ी, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। इस दौरान कुवि अधिकारियों ने बार-बार छात्रों का अनशन समाप्त करने की अपील भी की, लेकिन प्रोक्टोरियल बोर्ड की ओर से सकारात्मक निर्णय के आश्वासन के बाद ही छात्रों ने अनशन को समाप्त किया है। छात्रों का साथ दे रहे इनसो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जजपा के युवा जिलाध्यक्ष डॉ. जसविद्र खेहरा ने कहा कि छात्रों के संघर्ष की जीत हुई है। प्रशासन ने सकारात्मक ²ष्टिकोण दिखाकर छात्रों के भविष्य को खराब होने से बचाया है। दिनभर चली बैठक, नौ छात्रों का सुना पक्ष
मामले में कुवि प्रशासन की ओर से 17 छात्रों का निष्कासित किया था। जिनमें से दो अप्रैल को आठ छात्रों को पक्ष रखने का मौका दिया गया था। प्रोक्टोरियल बोर्ड की बैठक में बृहस्पतिवार को नौ छात्रों और उनके अभिभावकों को बुलाया गया था। बैठक में बोर्ड के सदस्यों ने अभिभावकों के सामने छात्रों से घटनाक्रम के बारे में
बातचीत भी की गई। मामले में कुवि प्रशासन की ओर से पूरा दबाव बनाया गया। छात्रों ने बताया कि छात्रों से लिखित में लिया गया है कि वे भविष्य में इस प्रकार का कार्य नहीं करेंगे। इसके साथ ही संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के सदस्य भी दिनभर मौके पर ही डटे रहे। कुलपति से अभद्र व्यवहार का था आरोप
निष्कासित छात्रों पर पिछले दिनों प्रदर्शन के दौरान कुवि कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप था। कुवि प्रशासन की ओर से मामले में प्रदर्शन करते हुए छात्रों की भाषा को भी मुद्दा बनाया था। वहीं प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलपति का घेराव किया था। देर रात दो छात्र अस्पताल में भर्ती
भूख हड़ताल पर बैठे छात्र दीपेंद्र बराड़ की हालत सुबह से खराब है। जिसके चलते उन्हें सुबह से सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया है। दोपहर को लगभग 12 बजे दोनों छात्र उपचार के बाद धरना स्थल पर पहुंच गए थे। अन्य छह अनशनकारियों की हालत अभी स्थिर हैं हालांकि बीपी लगातार कम हो रहा था, लेकिन छात्र भूखहड़ताल से पीछे हटने का तैयार नहीं थे। बाक्स सकारात्मक होगा फैसला : प्रोक्टर
कुवि प्रोक्टर प्रो. आरके देसवाल ने बताया कि कमेटी की बैठक में नौ छात्रों को पक्ष रखने का मौका दिया गया था। उसके बाद कमेटी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि फैसला सकारात्मक होगा। शुक्रवार को कमेटी अपना फैसला देगी।