इस्तीफा नामंजूर होते ही चढूनी ने दिखाए तेवर
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी ने गुरनाम सिंह चढूनी का इस्तीफा नामंजूर करते हुए दोबारा से उन्हें ही प्रधानी की कमान सौंप दी है। प्रधानी की कमान संभालते ही चढूनी ने कड़े तेवर अख्तियार कर लिए हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी ने गुरनाम सिंह चढूनी का इस्तीफा नामंजूर करते हुए दोबारा से उन्हें ही प्रधानी की कमान सौंप दी है। प्रधानी की कमान संभालते ही चढूनी ने कड़े तेवर अख्तियार कर लिए हैं। उन्होंने एक किसान की शिकायत को अनसुना करने के रोष स्वरूप डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थानेसर एसडीएम को गृह मंत्री अनिल विज के नाम ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने कार्रवाई के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया और तय समय तक कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन का एलान किया। इससे पहले किसी भी अधिकारी के ज्ञापन लेने पहुंचने में देरी के चलते किसानों ने सड़क जाम तक करने की चेतावनी दे डाली थी।
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने विधानसभा चुनावों से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं हुआ था। इसी को लेकर रविवार को जाट धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक में पहुंचे कार्यकारिणी सदस्यों ने इस्तीफा नामंजूर करते हुए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी और फूल मालाएं डालकर स्वागत किया।
प्रधानी की कमान संभालते ही गुरनाम चढूनी ने कहा कि सरकार नीतियां बनाते समय किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है। आनलाइन ट्रेडिग में कई तरह की खामियां हैं। सरकार धीरे-धीरे न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी हाथ खींच रही है। इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना, उप प्रधान चमेल सिंह, मंडल प्रधान बलकार सिंह, डॉ. मनोज कुमार, संगठन सचिव हरपाल सुढ़ल, अंबाला जिला प्रधान मलकीत सिंह, रोहतक जिला प्रधान सत्यवान, सोनीपत जिला प्रधान रोहतास बेनिवाल, करनाल जिला प्रधान अजय राणा, कैथल प्रधान सुभाष भागल, जींद जिला प्रधान नीलू राम, प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस मौजूद रहे।
गृह मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
भाकियू ने एक किसान की शिकायत पर कार्रवाई ना करने और उसे गुमराह करने के आरोप में डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गृह मंत्री अनिल विज के नाम ज्ञापन भी सौंपा। एसडीएम अश्विनी मलिक को सौंपे गए ज्ञापन उन्होंने कार्रवाई के लिए 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। चढूनी ने कहा कि बिजली निगम के कर्मचारियों ने एक किसान के साथ मारपीट कर उसके बंदी बनाया था। इसकी शिकायत सेक्टर पांच पुलिस को दी गई थी। शिकायत पर कोई कार्रवाई ना होने के बाद एसपी से मुलाकात के बाद डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा था। डीएसपी की ओर से शिकायत पर कोई कार्रवाई करने की बजाय शिकायतकर्ता को गुमराह किया गया है। उन्होंने कहा किसान के हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी। अगर सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।