पर्यावरण प्रदूषण के लिए सबसे बड़ी वजह पोलिथिन को नहीं रोक पा रहा प्रशासन
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले भर में हर रोज निकल रहे बड़ी मात्रा में पोलिथिन लोगों के लिए आफत बने हुआ है और पर्यावरण में जहर घोल रहा हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
जिले भर में हर रोज निकल रहे बड़ी मात्रा में पोलिथिन लोगों के लिए आफत बने हुआ है और पर्यावरण में जहर घोल रहा हैं। गंदगी और पर्यावरण प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बने इन पोलिथिन पर रोक लगाने में प्रशासन पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में लगने वाली सब्जी मंडियों से ही एक सप्ताह में दो लाख के लगभग पोलिथिन निकल रहे हैं। इसके बाद यही पोलिथिन सफाई कर्मियों के लिए भी आफत बने हुए हैं। इन पोलिथिन से सीवरेज जाम हो रहे हैं तो कूड़े से उड़कर खाली प्लाटों में फैले यह पोलिथिन शहर को बदसूरत बना रहे हैं। पोलिथिन का उपयोग धड़ल्ले से जारी रहने पर अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। - एचएसवीपी के सेक्टरों में लगती हैं सब्जी मंडियां हर सप्ताह सोमवार से लेकर रविवार तक अलग-अलग सेक्टरों में सब्जी मंडियां लगती हैं। इनमें पांच सब्जी मंडियां तो ऐसी हैं जिनमें 200 से 250 के लगभग दुकानदार बैठते हैं।ऐसे में हर दुकानदार करीब 50 से 100 ग्राहकों को पोलिथिन में सामान देता है। इन्हीं मंडियों से एक सप्ताह भर में ही लाखों पोलिथिन निकल रहे हैं। शहर भर के बाजारों से निकलने वाला पोलिथिन इससे अलग है। - चलाया था जागरूकता अभियान, अधिकारियों की सख्ती जरूरी पोलिथिन को लेकर लंबे समय तक सब्जी मंडियों में जागरूकता अभियान चलाने वाले सेक्टर आठ निवासी डॉ. रणबीर ने कहा कि उन्होंने लगातार शाम से छह नौ बजे तक सभी मंडियों में माइक लेकर दुकानदारों और लोगों को इसके खतरों से अवगत करवाया है। लगातार अभियान चलाने पर दुकानदार और जनता कुछ प्रतिशत इनका उपयोग कम करती है। इस अभियान को कामयाबी के लिए अधिकारियों को सख्ती से अपनी ड्यूटी निभानी होगी। - अधिकारियों को दिए जाएंगे निर्देश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं जिला परिषद के अध्यक्ष गुरदयाल ¨सह सुनहेड़ी ने कहा कि पर्यावरण के लिए पोलिथिन एक गंभीर समस्या है। इसके लिए कल ही नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिए जाएंगे। इसके साथ-साथ लोगों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे। पोलिथिन पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।