आदिगुरु शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता थे : डॉ. श्रीप्रकाश
फोटो संख्या- 23 - मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आचार्य शंकर जयंती के आदि शंकराचार्य कर्मयोगी, वेदों के प्रति गहन विचारशील, ईश्वरीय प्रेम, त्याग और पाण्डित्य से परिपूर्ण अद्भुत गुणों की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सनातन वैदिक धर्म की अपने ज्ञानचक्षु से न केवल तात्कालीन समय में आ रही विकृतियों से रक्षा की बल्कि सनातन धर्म और वेदों का अस्तित्व और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार किया। इसी उद्देश्य से उन्होंने देश की चारों दिशाओं में चार धाम, चार पीठ, और अखाड़ों की स्थापना की। ये शब्द मातृभूमि सेवा मिशन के संयोजक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती के उपलक्ष्य में गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
फोटो संख्या- 23 - मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आचार्य शंकर जयंती के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी संपन्न - गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आदिगुरु शंकराचार्य जयंती मनाई गई जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
आदि शंकराचार्य कर्मयोगी, वेदों के प्रति गहन विचारशील, ईश्वरीय प्रेम, त्याग और पाण्डित्य से परिपूर्ण अद्भुत गुणों की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सनातन वैदिक धर्म की अपने ज्ञानचक्षु से न केवल तात्कालीन समय में आ रही विकृतियों से रक्षा की बल्कि सनातन धर्म और वेदों का अस्तित्व और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार किया। इसी उद्देश्य से उन्होंने देश की चारों दिशाओं में चार धाम, चार पीठ, और अखाड़ों की स्थापना की। ये शब्द मातृभूमि सेवा मिशन के संयोजक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती के उपलक्ष्य में गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम में वैदिक ब्रह्माचारियों द्वारा हवन यज्ञ वैदिक परंपरा से किया गया और एक विचार गोष्ठी वर्तमान भारत में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रासंगिकता विषय पर संपन्न हुई।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ¨हदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. पुष्पा रानी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रही। गोष्ठी की अध्यक्षता अखिल भारतीय ¨हदू सुरक्षा समिति के प्रांत अध्यक्ष रामेश्वर चहल ने की। मिशन के वरिष्ठ सदस्य आचार्य सतीश कौशिक ने आए अतिथियों का आभार ज्ञापन किया। कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक के नेतृत्व में वैदिक बह्मचारियों द्वारा हवन यज्ञ संपन्न हुआ। हवन यज्ञ की मुख्य यजमान ज्योतिसर निवासी सरोज गोलन थीं।