अंतिम राउंड में कॉलेज शि¨फ्टग नहीं करने पर खफा हुई छात्रा, कुलपति से मिली
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में सोमवार को बीएएमएस कॉलेजों की काउंसि¨लग के अंतिम राउंड में कॉलेज शि¨फ्टग नहीं करने पर छात्रा और उसके परिजन खफा हो गए। उन्होंने काउंसि¨लग में छात्रा से कम रैंक वाले विद्यार्थियों को दाखिला देकर अपने नजदीकियों को फायदा देने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में सोमवार को बीएएमएस कॉलेजों की काउंसि¨लग के अंतिम राउंड में कॉलेज शि¨फ्टग नहीं करने पर छात्रा और उसके परिजन खफा हो गए। उन्होंने काउंसि¨लग में छात्रा से कम रैंक वाले विद्यार्थियों को दाखिला देकर अपने नजदीकियों को फायदा देने का आरोप लगाया है। छात्रा के पिता ने इस मामले को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक काउंसि¨लग कमेटी ने नियमों को देखते हुए फैसला लिया है।
जींद निवासी दीक्षा ने बताया कि नीट में उसका 461 स्कोर है। सोमवार को एनआरआइ सीटों पर आवेदन नहीं होने पर उन्हें आल इंडिया सामान्य श्रेणी की सीटों में बदल दिया गया, जिस पर उन्होंने भी आवेदन किया था। दीक्षा के पिता अधिवक्ता सत्यवान ने बताया कि उनकी बेटी के नीट स्कोर से कम स्कोर वाले विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किया होगा। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का दाखिला सोनीपत स्थित खानपुर कलां महिला मेडिकल कॉलेज में हरियाणा सामान्य श्रेणी में हो गया था। उस दौरान काउंसि¨लग में बार-बार उद्घोषणा की जा रही थी कि आखिरी दिन अंतिम राउंड में भी विद्यार्थी कॉलेज की शि¨फ्टग कर सकते हैं। जब सोमवार को उनकी बेटी का नंबर श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में पड़ गया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिला शिफ्ट करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
दो राउंड में दिया गया था कॉलेज शि¨फ्टग का मौका : कुलसचिव
कुलसचिव डॉ. कृष्ण कुमार जाटियान ने बताया कि पहले दो राउंड में बहुत से विद्यार्थियों को कॉलेज शि¨फ्टग का मौका दिया गया था। मगर यह आखिरी राउंड है, जिसमें नियमानुसार शि¨फ्टग नहीं की जा सकती। जो भी फैसला लिया गया है वह काउंसि¨लग मैनेजमेंट कमेटी ने निर्णय लिया है। इससे संबंधित तमाम जानकारी वेबसाइट और विद्यार्थियों को मोबाइल संदेश के द्वारा पहुंचाई जा चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना की गई है।