छह माह के अंदर लगाना होगा ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र शहर से रोजाना निकलने वाले 70 टन कूड़े की समस्या अब हल होने की कुछ उम्मीद जगी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शहर से रोजाना निकलने वाले 70 टन कूड़े की समस्या अब हल होने की कुछ उम्मीद जगी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद थानेसर नगर परिषद को भी छह माह के भीतर ठोस एवं कचरा प्रबंधन का एक्शन प्लान की रिपोर्ट देनी होगी। ऐसे में अब 2015 से फाइलों में अटका ठोस एवं कचरा प्रबंधन प्लांट जमीनी हकीकत बनने की संभावना कुछ नजर आने लगी है। शनिवार को इसी संदर्भ में प्रधान सचिव डीएस ढेसी आठ जिलों के उपायुक्तों की बैठक भी कुरुक्षेत्र में ले चुके हैं। गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र में देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। सबसे पहले करना होगा कचरा प्रबंधन ठोस एवं कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने से पहले थानेसर नगर परिषद क्षेत्र के सामने पहली चुनौती गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग उठान की होगी। अब घर-घर से उठान किए जा रहे कचरे को एक साथ डाला जाता है। हालांकि कुछ ही माह पहले गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग उठान करने की चर्चा भी शुरू हुई थी। मगर उस पर कोई काम शुरू नहीं हुआ।
शहर का कचरा गांव में डंप करने पर हो चुका विवाद शहर से रोजाना 70 टन कचरा निकलता है, जिसे पहले थानेसर नगर परिषद की ओर से गांव मथाना में डाला जा रहा था। इस मामले को लेकर कुछ ही महीने पहले गांव के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। गांव की जमीन पर कचरा डालने के मामले को लेकर ग्रामीण पहले धरना और फिर भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। ग्रामीणों को आश्वासन के बाद थानेसर नगर परिषद ने गांव की जमीन पर कूड़ा डालना भी बंद कर दिया। मगर ग्रामीण एवं थानेसर नगर परिषद का यह मामला अब भी न्यायालय में विचाराधीन है। ग्रामीणों और नप प्रशासन के बीच विवाद के चलते शहर में कई दिन तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही थी। इसके बाद फिर गांव मुर्तजापुर के नजदीक गांव में कूड़ा डालकर गड्ढा भरने के लिए जगह नगर परिषद ने किराये पर ले ली। मगर यहां भी गांव के लोगों ने विरोध कर दिया। इसके चलते एक बार फिर नगर परिषद को कूड़ा डालने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी। मगर तब तक शहर में कूड़ा उठान की समस्या गहरा गई। फिर भी ग्रामीणों ने गांव के बीच से कूड़े के डंपर ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। अब नप प्रशासन के डंपर सिचाई विभाग की कच्ची जमीन से होकर डंपिग जोन तक पहुंचते हैं। बारिश के दिनों में मिट्टी दलदली हो जाने के कारण शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा जाती है। वर्ष 2015 में हुआ था ठोस एवं कचरा प्रबंधन प्लांट का काम
थानेसर नगर परिषद की ओर से गांव सूढ़पुर में ठोस एवं कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने की चर्चा चली भी थी। यह मामला वर्ष 2015 का है। मगर यह प्रोजेक्ट आज तक शुरू नहीं हो पाया। तब वहां के ग्रामीण भी एकजुट हो गए थे और कचरा प्रबंधन प्लांट गांव के नजदीक लगाने पर रोष जताया था। साथ ही किसी भी कीमत पर प्लांट लगाने पर विरोध जताने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद इस पर भी विराम लग गया।