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हैफेड पर गेहूं खरीद 54 लाख रुपये अभी भी बकाया

प्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद का काम दो माह से भी ज्यादा समय से पूरा कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद आढ़तियों को गेहूं खरीद का पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। जिससे आढ़तियों में रोष पनपता जा रहा है। - गेहूं खरीद का काम बंद होने के दो माह बाद भी अटका है भुगतान -भुगत

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 12:28 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 12:28 AM (IST)
हैफेड पर गेहूं खरीद 54 लाख रुपये अभी भी बकाया
हैफेड पर गेहूं खरीद 54 लाख रुपये अभी भी बकाया

फोटो संख्या : 33 - गेहूं खरीद का काम बंद होने के दो माह बाद भी अटका है भुगतान

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-भुगतान नहीं होने से आढ़तियों में रोष संवाद सहयोगी, लाडवा : प्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद का काम दो माह से भी ज्यादा समय से पूरा कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद आढ़तियों को गेहूं खरीद का पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। जिससे आढ़तियों में रोष पनपता जा रहा है।

लाडवा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान बिमलेश गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लाडवा अनाज मंडी में सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड की ओर मंडी के आढ़तियों के अभी भी 54 लाख रुपये का भुगतान बकाया है। गेहूं की खरीद एक अप्रैल से शुरू की गई थी, जिसका आढ़तियों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। हैफेड की ओर 54 लाख रुपये की इस बकाया राशि में कुछ भुगतान बाबैन मंडी का भी है। लाडवा अनाजमंडी में हैफेड व खाद्य आपूर्ति विभाग ने गेहूं खरीद की थी, जिसमें से खाद्य आपूर्ति विभाग ने गेहूं खरीद का पूरा भुगतान कर दिया है। बिमलेश गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार गेहूं खरीद का भुगतान 72 घंटे में करने का दावा करती थी, लेकिन सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। गेहूं खरीद का पूरा काम निपटने के दो माह बाद भी खरीद एजेंसी पर भुगतान बकाया है। उन्होंने बताया कि आढ़त व मजदूरी के लिए उन्होंने एसडीएम लाडवा, हैफेड के जिला प्रबंधक व अन्य संबंधित अधिकारियों से मिल कर मंडी का भुगतान कराने की मांग की, लेकिन कोई सुनने को भी तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि गेहूं खरीद बकाया 54 लाख रुपये की राशि का तुरंत भुगतान कराया जाए। इस अवसर पर शिव कुमार कंबोज, रघुनाथ सैनी, प्रेमचंद, श्याम सुंदर व अशोक शर्मा उपस्थित थे।

तकनीकी कारणों से रूकी है राशि : जांगड़ा हैफेड के प्रबंधक कुलदीप जांगडा का कहना है कि हैफेड ने गेहूं की कॉमर्शियल खरीद की थी, जिसकी कुछ राशि तकनीकी कारणों से रूकी हुई है। जिसके बारे में उच्चाधिकारियों द्वारा भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। बकाया राशि का शीघ्र ही मंडी में भुगतान कर दिया जाएगा।


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