22 पशुओं को कराया मुक्त, पशु क्रूरता अधिनियम में पांच काबू
पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पांच लोगों को काबू किया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पांच लोगों को काबू किया है। आरोपितों के कब्जे से 22 पशुओं को मुक्त कराया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें जमानत पर छोड़ दिया है।
पुलिस प्रवक्ता रोशन लाल ने बताया कि इस्माईलाबाद थाना पुलिस के मुख्य सिपाही बलकार सिंह, दिलेर सिंह व चालक सिपाही रणजीत सिंह गांव कुम्हार माजरा के समीप नाके पर तैनात थे। इसी दौरान अंबाला की ओर से एक छोटा हाथी वाहन आता दिखाई दिया। जिसे तलाशी के लिए रोकने का इशारा किया। छोटे हाथी की जांच की तो उसमें दो भैंसें, पांच कटड़े ठुंस-ठुंस कर भरे हुए थे। छोटा हाथी के चालक ने पूछताछ में अपना नाम पटियाला के धुंधी माजरा निवासी सुखविद्र सिंह बताया। छोटा हाथी में लोड पशुओं के पैर और सींग रस्सियों से बांधे हुए थे। पशुओं की रस्सियों को काटकर उन्हें कैंटर से नीचे उतारा। आरोपित ने क्षमता से अधिक पशुओं को लोड करके तथा उनके पैर व सींग बांधकर पशुओं पर अत्याचार किया। आरोपित के खिलाफ थाना इस्माईलाबाद में पशु क्रुरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। दूसरे मामले में शहर थाना पुलिस के एएसआइ हरजीत सिंह, मुख्य सिपाही जितेंद्र सिंह, चंद्रपाल, एसपीओ लखविद्र सिंह की टीम सेक्टर सात कोर्ट रोड पर मौजूद थे। पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि दो पिकअप गाड़ियों में पशुओं को भर कर सहारनपुर ले जाया जा रहा है। सूचना पर पुलिस टीम ने सर्किट हाउस चौक पर नाकाबंदी शुरू की। कुछ समय बाद उधम सिंह चौक की ओर से दो पिकअप गाड़ी तेज रफ्तार से आती दिखाई दी। पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया। जांच करने पर दोनों पिकअप में क्षमता से अधिक पशुओं को भरा हुआ था। पूछताछ में चालक ने अपना नाम फतेहाबाद के गांव बैबलपुर निवासी राजपाल व साथ में बैठे व्यक्ति पशुओं के मालिक ने अपना नाम रामपाल बताया। पिकअप की जांच करने पर उसमें से दो भैंसें, पांच कटडे, दो कटडियों को ठुंस-ठुंस कर भरा हुआ था। उनके पैर बंधे हुए थे। दूसरी पिकअप गाड़ी के चालक ने अपना नाम फतेहाबाद के गांव बैबलपुर निवासी लाला राम व पशु मालिक ने अपना नाम गांव बैबलपुर निवासी रिकू बताया। पिकअप में तीन भैंसे, दो कटडी व एक कटडे को ठुंस-ठुंस कर भरा हुआ था। आरोपितों के खिलाफ पशु क्रुरुता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपित को अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें जमानत पर छोड़ दिया है।