Move to Jagran APP

दो हजार 25 किलोग्राम से भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दुग्धाभिषेक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शुक्रवार को भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दो हजार 25 शुक्रवार को भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दो हजार 25 किलोग्राम दूध से स्नान किया गया। इस दौरान महालक्ष्मी, गोदादेवी और भगवान गरुड़ जी का भी दुग्धाभिषेक हुआ। मंत्रोच्चारण और शहनाई के बीच इस धार्मिक अनुष्ठान के साक्षी सैकड़ों श्रद्धालु बने। सैकड़ों स्थानीय लोग भगवान वेंकटेश्वर भगवान के दुग्धाभिषेक के लिए अपने घरों से दूध लेकर मंदिर पहुंचे। भगवान वेंकटेश्वर को एक नजर देखने के लिए विशाल कपाट के बाहर टकटकी लगाए बैठे रहे। जैसे ही दुग्धाभिषेक के लिए कपाट खोले गए श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति के समक्ष नतमस्तक हो गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 12:35 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 12:35 AM (IST)
दो हजार 25 किलोग्राम से भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दुग्धाभिषेक
दो हजार 25 किलोग्राम से भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दुग्धाभिषेक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

loksabha election banner

शुक्रवार को भगवान श्रीवेंकटेश्वर भगवान का दो हजार 25 किलोग्राम दूध से स्नान किया गया। इस दौरान महालक्ष्मी, गोदादेवी और भगवान गरुड़ जी का भी दुग्धाभिषेक हुआ। मंत्रोच्चारण और शहनाई के बीच इस धार्मिक अनुष्ठान के साक्षी सैकड़ों श्रद्धालु बने। सैकड़ों स्थानीय लोग भगवान वेंकटेश्वर भगवान के दुग्धाभिषेक के लिए अपने घरों से दूध लेकर मंदिर पहुंचे। भगवान वेंकटेश्वर को एक नजर देखने के लिए विशाल कपाट के बाहर टकटकी लगाए बैठे रहे। जैसे ही दुग्धाभिषेक के लिए कपाट खोले गए श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति के समक्ष नतमस्तक हो गए।

------------

एक ही पेड़ की लकड़ी से बना ध्वज स्तंभ आज किया जाएगा स्थापित

शनिवार को 11 बजे ध्वज स्तंभ को आज मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा। मंदिर परिसर में स्थापित यह ध्वज स्तंभ भी पूजनीय होगा। इसे एक ही पेड़ की लकड़ी को बिना काटे बनाया जाता है। ध्वज स्तंभ को आज पूरे विधि विधान के साथ स्थापित करके ध्वजारोहण किया जाएगा। सायं को भगवान वेंकटेश्वर का पंचामृत स्नान किया जाएगा। इस दौरान आंध्रप्रदेश से आए 60 विद्ववान विधि विधान से पूजा अर्चना कर रहे हैं।

-------------

सायं को मेले सा माहौल बना मंदिर परिसर में

ब्रह्मसरोवर के पूर्वी तट पर 5.52 एकड़ जमीन पर स्थापित मंदिर परिसर में शुक्रवार को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। किसी ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की वेदी की मिट्टी को अपने मस्तक पर लगाया तो किसी ने इस दौरा वेदी पर पुष्प अर्पित किए। वहीं एक जुलाई को भगवान श्रीवेंकटेश्वर की मूर्ति को स्थापित कर दिया जाएगा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंदिर में पूजा करेंगे। इसके बाद मंदिर के कपाट भगवान श्रीवेंकटेश्वर के दर्शन निर्बाध कर सकेंगे।

-----------

रोज व लिली सहित तुलसी से किया गया भगवान का श्रृंगार

रोज व लिली तथा जैस्मीन के फूलों के साथ श्रृंगार किया गया है। तुलसी भगवान को सबसे प्रिय है। इसलिए हर रोज इन फूलों के साथ तुलसी की माला से भगवान का श्रृंगार किया जाएगा।

----------

ऐसे चलेगी पूजा प्रक्रिया

भगवात तिरुपति बाला जी मंदिर के सुबह 6 बजे कपाट खुलेंगे। कपाट खुलने के बाद सुप्रभात पूजा होगी। इसके बाद साढ़े सात बजे कष्ट निवेदन होगा। कष्ट निवेदन की पूजा-अर्चना शुरू होने के बाद आमजन दर्शन कर सकेंगे। दोपहर से पहले इमली व चावल का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाएगा। सायं साढ़े पांच बजे से लेकर रात्रि साढ़े सात बजे तक आमजन भगवान के दर्शन कर सकेगा। 8.50 पर एकांत सेवा होगी। झूले में भगवान विश्राम करेंगें और फूल व दूध का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाएगा। हर शुक्रवार दूध, दही, शहद, चंदन व हल्दी से भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। पंच धातु से बनी मूर्ति का एक हर एकादशी को स्नान होगा।

-----------

एक जुलाई को मुख्यमंत्री करेंगे मंदिर का उद्घाटन

विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि इस मंदिर में मंत्रोच्चारण, वेदों और परंपरा अनुसार 28 जून से चल रहा है और 30 जून को सुबह पंच अमृत स्नान करवाया जाएगा, ध्वजारोहण के साथ साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इतना ही नहीं एक जुलाई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल सायं चार बजे मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, मंदिर की तरफ से सेवानिवृत एचसीएस अधिकारी प्रेम कुमार, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, थानेसर ब्लाक समिति के चेयरमैन देवीदयाल शर्मा, पार्षद मोहन लाल अरोड़ा, भारत भूषण ¨सगला मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.