बैंक कर्मियों की हड़ताल के कारण दो करोड़ का लेन-देन प्रभावित
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ के आह्वान पर बैंकों में हुई हड़ताल के बाद दोबारा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मी हड़ताल पर चले गए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ के आह्वान पर बैंकों में हुई हड़ताल के बाद दोबारा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मी हड़ताल पर चले गए। बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले में लगभग 200 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है।
बैंक कर्मचारी नेता राय ¨सह व प्रीतम गोयत ने कहा कि देश के सरकारी बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सरकार की गलत नीतियों के कारण बैंकों का एनपीए दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जो बढ़ कर पौने साल लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। जिसमें कारपोरेट क्षेत्र का खराब ऋण 73 प्रतिशत है। जबकि कृषि क्षेत्र का मात्र 8 प्रतिशत है। जिसके लिए निचले स्केल के अधिकारी अथवा कर्मचारी कतई जिम्मेवार नहीं हैं। हमारी मांग है कि बड़े बड़े कारपोरेट घरानों को दिए गए लोन जो एनपीए हो गए हैं की रिकवरी के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। यूनियनों का दावा है कि सरकार विलय के जरिए बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है, लेकिन यदि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी विलय के बाद अस्तित्व में आई इकाई को दुनिया के शीर्ष 10 बैंकों में भी स्थान नहीं मिलेगा। आइबोक हरियाणा के उप सचिव पुष्पेंद्र शर्मा व दीपक गर्ग ने बताया की सरकार की हठधर्मिता के कारण बैंकों का वेतन समझौता एक नवंबर 2017 से लंबित पड़ा है। इस मौके पर एसबीआई के क्षेत्रीय सचिव पंकज कुमार, ओबीसी से सुरमुख ¨सह, विनोद अरोड़ा, रमेश अरोड़ा, संदीप तेजा, राजेश कुमार, विकास स्योकंद, भारत भूषण, नंदलाल, मुख्त्यारी देवी, सुनील, अंकुर, कविता सैनी, रूप चंद, मोनिका शर्मा उपस्थित रहे।