चिटफंड के नाम पर 12 लाख ठगे, पिता-पुत्र पर केस
कुरुक्षेत्र। थाना शहर पुलिस ने चिटफंड (कमेटी) के नाम पर 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पिता-पुत्रों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थाना शहर पुलिस ने चिटफंड (कमेटी) के नाम पर 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पिता-पुत्रों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
गोबिद नगर निवासी लाभ सिंह ने थाना शहर में शिकायत दर्ज कराई कि आंबेडकर चौक स्थित मार्केट के दुकानदार प्रदीप झांब से उसकी दोस्ती है। वह उसके पास आता-जाता रहता था। वहां पर राजेंद्र शर्मा से प्रदीप के साथ मिला था। इसी नाते उसकी जानकारी हुई थी। आरोपित राजेंद्र शर्मा ने उसे कहा कि वह 12 महीने की एक स्कीम चालू करनी है। जिसमें 12 सदस्य होंगे। प्रत्येक सदस्य को एक लाख रुपये प्रति माह 12 महीने तक देने होंगे। वह उसकी बातों में आ गया और हर महीने एक लाख रुपये देता रहा। यह स्कीम एक अप्रैल 2017 से शुरू होकर एक अप्रैल 2018 तक पूरी होगी। उसने आरोप लगाया कि यह आरोपित की उसके पैसे हड़पने की नीयत थी। इस स्कीम (कमेटी) की पूरी किश्तें आरोपितों को दे दी। आरोपित व उसके पुत्र बदल-बदल कर बैठते थे। उसे जो भी मिलता था वह उसे किश्त दे देता था। कमेटी पूरी होने पर जब उसने पैसे मांगे तो आरोपित टालमटोल करने लगे। उसे कहा कि जल्द ही उसे पेमेंट मिल जाएगी। अप्रैल 2019 को वह अपने दोस्त प्रदीप झांब की दुकान पर बैठा था, इसी दौरान आरोपित भी वहां आ गया। जब उसने आरोपित से पैसे मांगे तो उसके साथ हाथापाई की। उसको पैसे देने से इन्कार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी।
फरवरी 2020 को हुआ दोनों पक्षों में पंचायती फैसला
शिकायतकर्ता ने इस बारे में मार्केट एसोसिएशन को शिकायत दी। 17 जून को पंचायती फैसला लिखा। पंचायत ने दोनों पक्षों को सुनकर लाभ सिंह को 8.57 लाख रुपये देना तय हुआ। आरोपित फैसले से मुकरेगा तो 12 लाख का क्लेम करने का हकदार होगा। उसने दो दिन में नकद देने की कही। लेकिन उसे पैसे नहीं दिए। थाना शहर पुलिस ने राजेंद्र शर्मा व उसके दो बेटों के खिलाफ धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कमेटी का नहीं लेन-देन का है मामला
आरोपित राजेंद्र शर्मा का कहना है कि यह राशि कमेटी की नहीं, बल्कि आपसी लेन-देन की है। उसने अपनों से लगभग साढ़े चार लाख रुपये लेने हैं। उन्होंने अदालत में सिविल सूट भी डाला हुआ है। उसको बदनाम किया जा रहा है।