सावधान आप करनाल में हैं.यहां बदमाश, लुटेरे और हत्यारे जब चाहे वारदात को अंजाम दे सकते हैं
ताबड़तोड़ वारदात के बाद भी पुलिस कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है। पंपों पर लूट की दो घटनाओं के बाद संचालकों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हथियारों के लाइसेंस मांगे हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : करनाल रेलवे स्टेशन पर रविवार की रात को बड़े भाई बलेंद्र को छोड़ बाइक से वापस आ रहे गढ़ीबीरबल के युवक 27 वर्षीय रिकू की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। युवक की गर्दन व सिर पर नुकीले हथियार पर वार किए गए। घायल हालत में उसे रविवार की देर रात चौधरी कालोनी के पास स्थित झाड़ियों में फेंक दिया गया। देर रात ही आसपास के लोगों ने उसे घायल हालत में देखा तो पुलिस को सूचित कर दिया। कुछ ही देर बाद पीसीआर मौके पर पहुंची। इसके बाद युवक को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया। जहां उसकी मौत हो गई। सोमवार को दोपहर तक युवक की पहचान गढ़ीबीरबल निवासी युवक बालकिशन उर्फ रिकू के रूप में हुई। परिजनों के अनुसार रिकू ने रविवार की रात 11 बजकर 10 मिनट पर भाई को रेलवे स्टेशन पर छोड़ा था। उसका भाई चंडीगढ़ में काम करता है। जब रिकू रेलवे स्टेशन से वापस आ रहा था, तब उसके साथ वारदात हुई है। यमुनानगर में प्लाइवुड फैक्टरी में कार्यरत है। तीन टीम वारदात की जांच कर रही है। हत्यारों ने स्टेशन पर ही उसे घेर लिया
पुलिस की जांच टीम का मानना है कि रिकू का हत्यारों ने स्टेशन पर ही घेर लिया होगा? इसके बाद उसकी हत्या की गई। रेलवे स्टेशन से चौधरी कालोनी एक किलोमीटर दूर है। यहीं पर युवक का शव मिला है। इससे भी साबित हो रहा है कि स्टेशन के आस पास ही हत्यारे उसके पीछे लग गए होंगे। हत्या के दो एंगल पर काम कर रही जांच टीम
लूटपाट: क्योंकि रिकू के मोबाइल से रात 12 बजे पेटीएम से ट्रांजक्शन की कोशिश किए जाने की बात भी सामने आई है। यह कोशिश दो बार की गई। रिकू की बाइक, मोबाइल और पर्स तीनों गायब है। रंजिश: मृतक के पिता जीवानंद के अनुसार दो साल पहले रिकू सोनीपत में नौकरी करता था। वहां के एक युवक के साथ कुछ दिन पहले मोबाइल पर उसकी बहस हुई थी। बहस उसके बेटे की जान ले लेगी यह उन्हें अंदाजा नहीं है। दोपहर तक तो मृतक की शिनाख्त तक नहीं कर पाई पुलिस
जिस पुलिस पर अज्ञात हत्यारों को खोजने की जिम्मेदारी है, उसके कर्मी दोपहर तक तो मृतक युवक की शिनाख्त तक नहीं कर पाए। शिनाख्त के बाद परिजनों को जानकारी दी, वह आए तो उन्हें कभी यहां तो कभी वहां पुलिस घूमाती रही। इस वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
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