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योग प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति : डॉ. मनोज

जागरण संवाददता, करनाल : पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और महिला योग समिति ने सेक्टर-आठ के प

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 06:43 PM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 06:43 PM (IST)
योग प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति : डॉ. मनोज
योग प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति : डॉ. मनोज

जागरण संवाददता, करनाल : पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और महिला योग समिति ने सेक्टर-आठ के पार्क में योग शिविर लगाया। सोमवार को डॉ. मनोज विरमानी योग शिविर में योगाभ्यास कराया। उन्होंने साधकों को आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में भी बताए।

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डॉ. मनोज ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है।

भारतीय योग संस्थान से जुड़े मुनीष कुकरेजा ने कहा कि प्राणायाम जीवन का आधार है। योग को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा समझते हुए नियमित अभ्यास करें। सोम अरोड़ा ने बताया कि बच्चों के लिए योग का क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। मुख्य योग शिक्षक हुकम ¨सह कौशिक ने शांति पाठ के साथ आज के योग सत्र का समापन किया। यह शिविर मंगलवार तक चलेगा। इस अवसर पर महेंद्र ¨सह राणा, चरणजीत ¨सह, जसबीर ¨सह राठी, सछ्वावना क्लब के सदस्य सोम अरोड़ा, लता, स्नेहलता, उमा शर्मा, सुशीला आदि मौजूद रहे।


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