स्कूल में मिड-डे-मील के गेहूं और चावल में दौड़ रहे कीड़े
स्मार्ट शहर में अब भी स्कूलों की हालत गांवों से बदतर है।
जागरण संवाददाता, करनाल: स्मार्ट शहर में अब भी स्कूलों की हालत गांवों से बदतर है। मिड-डे-मील के चावलों और गेहूं में कीड़े दौड़ रहे हैं। सेक्टर-6 स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में सुबह दस बजे पार्षद मेघा भंडारी और बीईओ चंद्रेश विज ने इन खामियों को उजागर किया। मौके पर प्रिसिपल मलार देवी मौजूद नहीं थी जबकि रजिस्टर पर उनकी हाजिरी लगी हुई थी। गंदगी से अटे शौचालयों का छात्र-छात्राएं इस्तेमाल कर रहे थे, दूसरी तरफ बच्चों की कक्षा के पास ही कबाड़ फैंक रखा था। बच्चों की सेहत का नहीं ध्यान
बारिश के मौसम में बच्चों की सेहत के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। कक्षा-7 के अंकित, कमला, सुनीता और सुधीर ने बताया कि स्कूल स्टाफ को जब साफ-सफाई की बात करते हैं तो उन्हें फटकार लगाकर भगा दिया जाता है। मिड-डे-मील के भोजन में खामियों के कारण बच्चों की सेहत भी खराब हो सकती है। अब सवाल यह उठता है कि जिला शिक्षा अधिकारी आखिर स्कूलों में किसी तरह की व्यवस्थाएं लागू कराने का दावा करते रहते हैं। एक बार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को सेक्टर-6 स्थित स्कूल के हालत देखने चाहिए। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल
सेक्टर-6 करनाल का पॉश क्षेत्र है और स्कूल में लगभग 340 बच्चे पहली से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत शहर में शिक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। स्कूल की बदतर हालत न केवल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल खड़ा कर रही है, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर चपेट में आ रही है। यहां पर स्वच्छ शौचालय की मुहिम को शिक्षा अधिकारी भूल चके हैं और स्कूलों में विद्यार्थियों का स्तर सुधारने की घोषणाएं फेल साबित हो रही हैं। अभिभावक बलदेव ने कहा कि स्कूलों में इस तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। भोजन बनाने से पहले शिक्षकों को इसकी उचित जांच करनी चाहिए। ऐसी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
प्रिसिपल गायब और दो शिक्षक नदारद
बीइओ चंद्रेश विज ने बताया कि जगह-जगह स्कूल में गंदगी थी और हाजिरी रजिस्टर में प्रिसिपल मलार देवी के हस्ताक्षर थे, लेकिन वह खुद नहीं थीं। इसके अलावा दो शिक्षकों की छुट्टी मार्क की हुई जबकि दस्तावेज मांगने पर उपलब्ध नहीं कराए गए। मिड-डे-मील के गेहूं और चावल में कीड़े दौड़ रहे थे। सभी खामियों की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। बच्चों ने शौचालय में गंदगी और शिक्षकों के रवैये की शिकायत की है। अभिभावक रोजाना कर रहे थे शिकायत
पार्षद मेघा भंडारी ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक काफी दिनों से शिकायत कर रहे थे। मामला बच्चों की सेहत और शिक्षा के सुधार का था इसलिए गंभीरता बरती गई। डीईओ को इस संबंध में शिकायत करने पर सुबह जब जांच की तो स्कूल के शौचालय में गंदगी थी और मिड-डे-मील की गेहूं और चावल में कीड़े दिखाई दे रहे थे। स्कूल की खामियों के बारे मेयर व मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। स्कूल में सफाईकर्मी, न चपड़ासी
प्रिसिपल मलार देवी ने बताया कि छह वर्षों से स्कूल में स्वीपर नहीं है और चपड़ासी को डेपुटेशन के आधार पर बीईईओ कार्यालय में तैनात किया गया है। निजी खर्चे पर सफाई कराई जाती है। स्कूल इंफॉरमेशन मैनेजर रमा शर्मा शादी के बाद डेपुटेशन पर भिवानी चली गई। स्कूल में आ रही समस्याओं को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में काफी बार लाया गया है। बृहस्पतिवार को सुबह जब अधिकारी स्कूल में जांच के लिए पहुंचे तो वह डीईईओ कार्यालय में मंजू यादव के केस के संबंध में गई थी। मिड-डे-मील की देखरेख करने वाली शिक्षक रीटा रानी से गेहूं और चावल संबंधित पूछताछ की जाएगी।