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रोडवेज के टाइम टेबल पर विवाद असंध रूट पर नहीं चली कोई बस

असंध रूट के टाइम टेबल में फेरबदल का रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 08:09 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 08:09 AM (IST)
रोडवेज के टाइम टेबल पर विवाद असंध रूट पर नहीं चली कोई बस
रोडवेज के टाइम टेबल पर विवाद असंध रूट पर नहीं चली कोई बस

जागरण संवाददाता, करनाल

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असंध रूट के टाइम टेबल में फेरबदल का रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध किया। शुक्रवार को इस रूट पर रोडवेज की एक भी बस नहीं चलीं। जबकि इस रूट पर 4500 विद्यार्थियों ने पास बनवा रखे हैं। इस वजह से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी। देरशाम तक रोडवेज के जीएम के साथ बैठकों का दौर भी चला, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। इस रूट को लागू करने के आदेश कोर्ट के हैं, इसलिए तुरंत प्रभाव से लागू हो गए। अब यह मामला रोडवेज विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है। शुक्रवार को हालात ये रहे कि यात्रियों को प्राइवेट बसों की छत पर बैठकर सफर करना पड़ा। यह है टाइम टेबल का प्रारूप

एसटीए परमिट स्कीम 2016 के रूट नंबर 145 पर आरटीए ने नया संयुक्त टाइम टेबल जारी किया था। इसमें 20 परमिट प्राइवेट बस और 10 परमिट रोडवेज की बसों के लिए निर्धारित किए गए थे। कर्मचारी यूनियनों के विरोध के चलते परिवहन विभाग को बैकफुट पर आना पड़ा था। अब प्राइवेट बस संचालक कोर्ट से इन आदेशों को लाए हैं, विभाग ने इनको लागू किया है। यह है विवाद

आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य वरिष्ठ प्रधान सुरेश लाठर ने कहा कि जो टाइम टेबल लागू किया गया था, उससे रोडवेज को नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट बसों को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ अधिकारी मिलीभगत कर रहे हैं। रोडवेज के पास इस रूट के 28 परमिट हैं, लेकिन बसों की कमी का हवाला देकर 10 परमिटों को ही रूट पर जगह दी गई। यह पड़ेगा नए टाइम टेबल का असर

असंध काउंटर से पहले 20 मिनट में दो प्राइवेट बसें जाएंगी। इसके बाद अगले 10 मिनट में रोडवेज की एक। यानी प्राइवेट बसों के चक्कर बढ़ गए हैं। किन्हीं कारणों से बस मिस हो जाती है तो इसका फायदा प्राइवेट बस को ही मिलेगा। जिनकी रोडवेज की बसों में सफर करना मजबूरी है उन्हें आधा घंटा बस का इंतजार करना पड़ेगा। विद्यार्थियों को होगी सबसे अधिक परेशानी

इस समय असंध रूट पर लगभग 4500 बस पास होल्डर स्टूडेंट आते हैं। प्राइवेट बसों में बस पास के लिए पले ही झगड़े होते हैं। अब इस रूट पर रोडवेज की बसों की संख्या कम हो गई है, ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए भी यह परेशानी खड़ी कर सकता है। कोई भी चक्कर यदि मिस हो जाता है तो उनका इंतजार लंबा होगा। रूट पर यात्रियों की स्थिति जानिये

रूट नंबर 145 पर यात्रियों की संख्या इतनी है कि महज सात मिनट में ही बस ओवरलोड हो जाती है। इधर, रोडवेज की बसों की संख्या कम हो जाने के बाद इस रूट पर दैनिकयात्रियों की समस्या बढ़ जाएगी। दैनिक यात्री राजेश, गुरमीत, संदीप, मुकेश और धीरज ने कहा कि इस रूट पर रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने के बजाय कम करना समझ से परे है। नौकरी से हटेंगे आउटसोर्सिग पॉलिसी वन और टू के तहत लगे चालक

सरकार की ओर से जारी नए निर्देश में आउटसोर्सिंग पॉलिसी वन और टू के तहत लगाए रोडवेज चालक, मिस्त्री और हेल्पर को बाहर किया जाएगा। इसके तहत जीएम रोडवेज के पास लेटर आ चुका है। करनाल डिपो में 13 ड्राइवर आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत लगे हैं। इन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। वर्जन

रोडवेज महाप्रबंधक अश्विनी कुमार डोगरा ने कहा कि 25 फरवरी के टाइम टेबल को लागू कर दिया है। इस रूट पर रोडवेज के परमिट कम हुए हैं, जिस कारण कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इस बारे में बैठक कर हल निकाला जाएगा। वहीं, आउटसोर्सिग पॉलिसी वन और टू के तहत जो पत्र उन्हें मिला है उसको जांचा जा रहा है। हमारे यहां 13 चालक आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत हैं। लेटर एग्जामिन करने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

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