जागरण संवाददाता, करनाल : देश के मजदूर-किसान-कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर रविवार को बड़ी संख्या में मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों ने सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया। भारत छोड़ो दिवस के अवसर पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने हर सीमा तक संघर्ष का संकल्प दोहराया। इस दौरान सीटू के प्रदेश महासचिव जय भगवान, खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगमाल सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेता कृष्ण शर्मा, कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि देश की मेहनतकश जनता भारी संकट में हैं। करोड़ों लोगों के रोजगार तबाह हो गए हैं। काम-धंधे ठप होने, बेरोजगारी व दिहाड़ी-मजदूरी न मिलने से आबादी के बड़े हिस्से में खाद्य संकट है। देश में लाखों कोरोना संक्रमित मरीज हैं। यह सरकार की अदूरदर्शिता दर्शाता है। करोड़ों की आबादी को मुफ्त राशन के साथ नगदी भी देनी चाहिए। परंतु इस दिशा में केवल घोषणाएं हो रही हैं। मजदूरों को फैक्ट्रियों से निकाला जा रहा है। वेतन कटौती की जा रही है लेकिन सरकार व प्रशासन चुप हैं। छोटे व मध्यम किसान संकट में हैं। लेकिन जनता को राहत देने के बजाय पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। रेल, कोयला, बिजली, बीमा, बैंक, सब देशी-विदेशी कारपोरेट के हवाले किया जा रहा है। किसान सभा के नेता कुलदीप सिंह, सीटू के जिला सचिव जगपाल सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान मलकीत सिंह, खेत मजदूर यूनियन के शीशपाल, इंटक नेता वीरेंद्र सिंह, आंगनवाड़ी नेता मधु, रूपा, आशा नेता सुदेश, मिड डे मील वर्कर्स की शिमला, भारतीय किसान महासंघ के बलजीत सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार ने खेती के बारे तीन अध्यादेश लाकर सब कुछ पूंजीपतियों के हवाले करने का मन बना लिया है। आशा वर्कर्स, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी, डाक्टर, गांव-शहर के सफाई कर्मचारी, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील वर्कर्स या सरकारी विभाग के कच्चे-पक्के कर्मचारी, इन सभी का भरपूर शोषण हो रहा है। देश की आत्मनिर्भरता व उसकी बुनियाद खत्म करने व जनता के बुनियादी अधिकार छीनने का काम हो रहा है। इसलिए देश के मजदूर-किसान-कर्मचारी संगठन एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। इस दौरान जेल भरो आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करते हुए जमकर नारे भी लगाए गए।
सत्याग्रह आंदोलन में शामिल हुए मजदूर, किसान व कर्मचारी
Author: JagranPublish Date: Mon, 10 Aug 2020 07:03 AM (IST)Updated Date: Mon, 10 Aug 2020 07:03 AM (IST)

देश के मजदूर-किसान-कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर रविवार को
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