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अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें महिलाएं : मधु पाठक

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में माता प्रकाश कौर मूक एवं बधिर श्रवण वाणी केंद्र में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 05:45 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 05:45 AM (IST)
अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें महिलाएं : मधु पाठक
अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें महिलाएं : मधु पाठक

जागरण संवाददाता, करनाल : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में माता प्रकाश कौर मूक एवं बधिर श्रवण वाणी केंद्र में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 18 से 30 वर्ष तक की आयु की लड़कियों की रेस तथा 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं की लेमन रेस भी करवाई गई।

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कार्यक्रम में सीडीपीओ मधु पाठक ने महिलाओं के अधिकारों एवं उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की समाज में आधी आबादी है। इनके सर्वागीण विकास के लिए सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं का आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आएं और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें। कहीं पर भी घरेलू हिसा की शिकायत मिलती है तो इस बारे जिला प्रशासन को सूचित करें ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो।

कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी ने पोक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी बच्चे का बाल शोषण किया जा रहा है तो उसकी सुरक्षा के लिए सरकार ने पोक्सो एक्ट बनाया है। इस एक्ट में दोषियों के लिए कड़ी सजा व जुर्माने का प्रावधान है। जिला प्रशासन की ओर से बच्चों की सुविधा के लिए बाल भवन में हेल्पलाइन नंबर 100 या 1098 जारी किया गया है। कोई भी व्यक्ति शोषित या पीड़ित बच्चे के बारे में इन नंबरों पर सूचना दे सकता है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की जिला समन्वयक ज्योति ने गर्भवती महिलाओं के पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में माता की पौष्टिक आवश्यकताएं पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है, अस्वस्थ शिशु का जन्म होता है, समय से पहले शिशु पैदा होता है। माता की मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है, शिशु का अनिमिया से ग्रस्त होता है, भ्रूण का मानसिक विकास कम होता है। माता में हड्डियों संबंधी रोग पैदा होता है, नए जन्मे शिशु का संक्रमण रोगों से ग्रस्त होना शामिल है। तले हुए पदार्थ, मिर्च मसाले, पेय पदार्थ, मक्खन, छना हुआ आटा, अधिक मीठी चीजें, कॉफी व चाय का गर्भवती स्त्रियों को कम से कम सेवन करना चाहिए। इस मौके पर सीडीपीओ मधु पाठक, डा. नरेश, ज्योति रानी, अंजू, सुमन नैन, मोनिका मौजूद रहीं।


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