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महिलाओं ने हर क्षेत्र में बनाई अपनी अलग पहचान : पांखुरी

गुहला-चीका अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से जिला में विशेष नारी शक्ति उत्सव का आयोजन राजकीय कन्या महाविद्यालय चीका हुआ। इसमें मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी पांखुरी गुप्ता ने ग्रामीण महिलाओं के साथ अनुभव सांझा किए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:46 AM (IST)
महिलाओं ने हर क्षेत्र में बनाई अपनी अलग पहचान : पांखुरी
महिलाओं ने हर क्षेत्र में बनाई अपनी अलग पहचान : पांखुरी

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से जिला में विशेष नारी शक्ति उत्सव का आयोजन राजकीय कन्या महाविद्यालय चीका हुआ। इसमें मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी पांखुरी गुप्ता ने ग्रामीण महिलाओं के साथ अनुभव सांझा किए।

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पांखुरी गुप्ता ने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि अब हम 21वीं सदी में अपना जीवन बसर कर रहे हैं, जिसमें महिलाओं ने न केवल शहरी क्षेत्र, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र से भी उठकर खेलों, उद्योग, शिक्षा और यहां तक कि राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है। उन्होंने कहा कि मन में केवल इस बात का एहसास करें कि आप अपने घर की चारदीवारी में किन-किन पिजरों में कैद हैं और उनसे मुक्ति पाने के उपाय आपको स्वयं हौसले के साथ ढूंढने होंगे।

उन्होंने कहा कि मर्यादित ढंग से उठाया गया एक भी कदम न केवल आपको उन जंजीरों से मुक्त करवाकर अपनी एक अलग पहचान देगा, बल्कि महिलाओं का ये हौसला उनकी फतेह की बुनियाद भी बन जाएगी। महिला थाना कैथल प्रभारी डा. नन्ही देवी ने उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या में उनके समक्ष आने वाले महिला उत्पीड़न व अन्य मामलों के अनुभवों को जहां ग्रामीण महिलाओं के साथ सांझा किया, वहीं ये भी कहा कि अब समय आ गया है महिलाओं को आत्मविश्वास से लबरेज होकर बुलंद हौसलों के साथ अपने अस्तित्व को पहचाने के लिए कदम आगे बढ़ाना होगा। हमारे समाज की घरेलू व्यवस्था कुछ इस तरह की रही है कि पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा सहनशील, धैर्यवान बना दिया है, अब इस जंजीर से भी मुक्ति पाने का उपाय महिलाओं को ही ढूंढना है। संरक्षण अधिकारी सुनीता शर्मा ने बताया कि उनके पास आने वाली महिलाएं तरह-तरह के उत्पीड़न जैसे मामले लेकर आती हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि नारी जब तक अबला बनकर अपना जीवन व्यतीत करेंगी। राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र अरोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया।


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