गुरु ना मिले तो हनुमान जी की शरण में आएं : विजय
कथा व्यास संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि रामकथा के मुख्य सूत्रधार पवन पुत्र हनुमान जी हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल:
कथा व्यास संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि रामकथा के मुख्य सूत्रधार पवन पुत्र हनुमान जी हैं। जहां-जहां भी रामकथा होती है। हनुमान जी वहां उपस्थित रहते हैं। महाराज ने कहा कि जिसे कोई गुरु न मिले वह गुरु हनुमान जी को बना लें। विभीषण ने हनुमान को गुरु बनाया था। उनकी प्रेरणा से ही उन्हें श्रीराम की प्राप्ति हुई थी। ठीक उसी प्रकार जो भी व्यक्ति हनुमान जी को गुरु बनाकर चलेगा, उसे उनका आशीर्वाद मिलने के साथ ही श्रीराम की प्राप्ति होगी। यदि हनुमान न होते तो जगत में रामकथा भी न होती। जिन्हें भी भगवान के दर्शन हुए हनुमान की कृपा से हुए। चाहे वानर हो, सुग्रीव हो, विभीषण हो अथवा जानकी। जिस काम को ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी नहीं कर सकते, उसे हनुमान कर सकते हैं। यदि ज्योतिष के अनुसार मनुष्य के नौ के नौ ग्रह भी उल्टे हो जाएं तो भी हनुमान की उपासना से उसका कोई अनिष्ट नहीं होता है, क्योंकि हनुमान दसवां ग्रह है और वह है अनुग्रह। हनुमान को पाने का एक ही मंत्र है हनुमान चालीसा। यह मंत्र भी है ग्रन्थ भी है और पंथ भी है। इस मौके पर सीएम प्रतिनिधि संजय बठला, करनाल जेल अधीक्षक शेर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद, कैलाश गुप्ता, विजय, राहुल, आशा गोयल और जयप्रकाश मौजूद रहे। कथा उत्सव के मुख्य संयोजक अविनाश बंसल और महासचिव सुनील गुप्ता ने बताया कि आठ मार्च को कथा के विश्राम दिवस के अवसर पर सुबह नौ से 12 बजे तक कार्यक्रम होगा। फूलों की होली खेली जाएगी।