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गेहूं के सीजन में सता रहा सिस्टम का सितम, धक्के खाने को मजबूर किसान

सीएम सिटी में किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:45 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:45 AM (IST)
गेहूं के सीजन में सता रहा सिस्टम का सितम,  धक्के खाने को मजबूर किसान
गेहूं के सीजन में सता रहा सिस्टम का सितम, धक्के खाने को मजबूर किसान

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है। बेशक इन किसानों ने अपना पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पर रजिस्टर्ड भी करवाया है, बावजूद जिले के अधिकारी किसानों की समस्या का हल नहीं निकाल पा रहे हैं। यही नहीं, किसानों को पोर्टल से आलू और टमाटर के संदेश आ रहे हैं। जिले में 466 से अधिक किसान इस समस्या में उलझ रहे हैं। सोमवार को गांव बहलोलपुर वासी 50 से अधिक किसान तहसीलदार, एसडीएम, उपायुक्त और कृषि अधिकारी के चक्कर काटते रहे। अधिकारियों के अनुसार इन किसानों की समस्या के निवारण के लिए विभाग की ओर से पोर्टल खोला गया है। किसानों का आरोप है कि मार्केट मंडी बोर्ड कार्यालय के कर्मचारियों ने उनकी समस्या का हल करने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं।

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फसल प्रमाणित न होने के कारण अब इन किसानों को गेहूं कटाई की चिता सता रही है, जबकि खेतों में फसल तैयार है। दूसरी तरफ आने वाले दिनों में बरसात के अंदेशे ने भी किसानों के दिलों की धड़कन बढ़ा दी है। तहसीलदार के कार्यालय में समस्या के निवारण के लिए पहुंचे गांव बहलोलपुर के किसान कुलदीप कुमार और दविद्र ने बताया कि गांव के 50 से अधिक किसानों को गेहूं बिक्री की समस्या आ रही है। कागजों में गेहूं को आलू और टमाटर में तब्दील कर दिया गया है। 20 एकड़ के किसान को पार्टल पर चार क्विटल गेहूं बिक्री का संदेश भेजा रहा है। उन्होंने कहा कि एसडीएम और कृषि अधिकारी से भी मुलाकात की है। पांच दिन से उनकी समस्या का हल नहीं हो रहा है। दविद्र ने बताया कि जिले में तकरीबन 466 से अधिक किसान इस उलझन में हैं कि वे फसल की कटाई कब करें, जबकि खेत में फसल पक कर तैयार है। कृषि विभाग की ओर से अनाज मंडी में हेल्प डेस्क

कृषि विभाग के डीडीए आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि गेहूं बिक्री को लेकर कुछ किसानों को परेशानी आ रही थी। संबंधित समस्या को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। विभाग की ओर से मिले आदेश के बाद अनाज मंडी में हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। कृषि विभाग का एडीओ और सुपरवाइजर यहां मौजूद रहेंगे। किसान सुबह 9 बजे अनाज मंडी में अपनी समस्या का निवारण करवा सकते हैं। इधर, तहसीलदार राजबख्श ने बताया कि पटवारी, सचिव और ड्रोन से उक्त किसानों की फसल का निरीक्षण ठीक पाया गया है। संबंधित समस्या के निवारण के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई है। ताकि जल्द ही इसका हल निकल सके। मंडी में बढ़ने लगी गेहूं की ढेरियां

मौसम में गर्मी बढ़ने से अनाज मंडी में गेहूं की आवक भी बढ़ने लगी हैं। सुविधाओं की खामियों को अभी तक मार्केट मंडी बोर्ड के कर्मचारी दूर करने में लगे हुए हैं। ढाकवाला रोड़ान गांव के कृष्ण ने बताया कि शेड्यूल खत्म होने से मंडी में गेहूं लाने में परेशानी नहीं हो रही है, साथ ही गेट पास भी मिल रहा है। आढ़तियों की तरफ से किसानों की सुविधा के लिए ट्राली को तुरंत खाली करवाया जा रहा है। सोमवार को मंडी में जहां आढ़ती किसानों की गेहूं उतराने में जुटे थे, वहीं बिजली कर्मचारी स्ट्रीट लाइट ठीक कर रहे हैं। मंडी सचिव सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला की विभिन्न मंडियों में 8715 क्विटल गेहूं की आवक हुई जिसे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 1785 क्विटल, हेफेड द्वारा 441 क्विटल, हरियाणा वेयर हाउस कार्पोरेशन द्वारा 252 क्विटल गेहूं खरीदी गई।


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